Ban On DJ Sound: राजस्थान के अनूपगढ़ जिले में बोर्ड परीक्षाओं और अन्य महत्त्वपूर्ण शैक्षणिक परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जिला कलक्टर ने ध्वनि नियंत्रण अधिनियम के तहत ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है. यह आदेश 2025 में सीबीएसई, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और महाविद्यालयों की परीक्षाओं के कारण लागू किया गया है. ताकि छात्रों को शांतिपूर्ण वातावरण मिल सके और वे बिना किसी व्यवधान के परीक्षा की तैयारी कर सकें.
कब तक रहेगा ध्वनि नियंत्रण का प्रतिबंध?
नए आदेश के अनुसार प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा.
- पहले से ही रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लागू है.
- अब दिन के समय भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अधिक उपयोग पर रोक लगा दी गई है.
किन आयोजनों में रहेगा प्रतिबंध?
यह आदेश सार्वजनिक और निजी स्थानों पर लागू होगा. निम्नलिखित आयोजनों में ध्वनि नियंत्रण के आदेशों का पालन आवश्यक रहेगा:
- शादी और सामाजिक समारोहों में रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र पूरी तरह से बंद रहेंगे.
- धार्मिक स्थलों में भजन-कीर्तन और प्रवचन प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक ही किए जा सकेंगे.
- मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों में आरती, भजन, शब्द-कीर्तन की अनुमति रहेगी. लेकिन ध्वनि की सीमा निर्धारित होगी.
- शादी-विवाह में निकासी और ढुकाव के समय ध्वनि का सीमित उपयोग करने की छूट दी गई है.
डीजे बजाने पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
नए आदेशों के तहत डीजे का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इससे यह स्पष्ट है कि शादी या अन्य आयोजनों में डीजे के तेज आवाज में बजने से होने वाले कोलाहल को पूरी तरह से रोका जाएगा.
नियमों का उल्लंघन करने पर क्या होगी कार्रवाई?
यदि कोई व्यक्ति या आयोजन ध्वनि नियंत्रण आदेशों का उल्लंघन करता है, तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा.
- जिला प्रशासन के अनुसार पुलिस प्रशासन, उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को दंडित करने का अधिकार दिया गया है.
- नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
- यह आदेश जारी दिनांक से अगले दो महीनों तक प्रभावी रहेगा.
ध्वनि प्रदूषण को रोकने की जरूरत क्यों?
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों को एक शांत और व्यवस्थित माहौल की जरूरत होती है. अत्यधिक शोरगुल और ध्वनि प्रदूषण से छात्रों की एकाग्रता भंग होती है और उनकी पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
- ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
- तेज आवाज से बुजुर्गों, मरीजों और छोटे बच्चों को भी परेशानी होती है.
- इस नियम के लागू होने से सार्वजनिक शांति और अनुशासन बना रहेगा.
आम जनता को क्या करना चाहिए?
जिला प्रशासन ने जनता से अनुरोध किया है कि वे सरकारी आदेशों का पालन करें और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहयोग करें.
- आयोजनों के दौरान अनुमति प्राप्त ध्वनि सीमाओं का पालन करें.
- रात 10:00 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग न करें.
- धार्मिक स्थलों और सामाजिक समारोहों में ध्वनि की सीमा का ध्यान रखें.
- डीजे का उपयोग पूरी तरह से न करें.
क्या प्रशासन इस आदेश को सख्ती से लागू करेगा?
- अनूपगढ़ जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश सख्ती से लागू किया जाएगा.
- यदि कोई व्यक्ति आदेशों का पालन नहीं करता है, तो सीधे कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
- पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें नियमों के उल्लंघन की निगरानी करेंगी.