हरियाणा में यहां बनेगी बर्ड सेंचुरी, विदेशी पक्षियों का भी कर पाएंगे दीदार Build Bird Century

Build Bird Century: हरियाणा के चरखी दादरी जिले से एक अच्छी खबर सामने आई है. जिले के बिरही कलां गांव में बुधवार को दिल्ली से पक्षी संरक्षण विभाग की टीम पहुंची. इस दौरान स्थानीय जैव विविधता, वन्य जीव संरक्षण और वन विभाग की टीम भी मौजूद रही. टीम ने बिरही कलां गांव की 75 एकड़ जमीन पर लगभग 6 घंटे तक जलभराव वाले क्षेत्र का निरीक्षण किया.

19 विदेशी प्रजाति के पक्षी मिले

निरीक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने भारतीय और प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी का डेटा तैयार किया. इस दौरान टीम को 44 प्रजाति के पक्षी मिले, जिनमें से 19 विदेशी प्रजाति के थे. इसके अलावा 3 दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी मिले, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार अब चरखी दादरी में बर्ड सेंचुरी बनाने पर विचार कर रही है.

हिमालय पार कर पहुंचे प्रवासी पक्षी

दिल्ली से आए पक्षी विशेषज्ञ टी.के. रॉय ने निरीक्षण के बाद मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बिरही कलां गांव में पाए गए 44 प्रजाति के पक्षियों में से 25 भारतीय और 19 विदेशी प्रजाति के हैं. इनमें एशियन और साइबेरियन प्रजाति के पक्षी शामिल हैं. कुछ पक्षी ऐसे भी हैं, जो हिमालय पर्वत की ऊंचाई को पार करते हुए यहां पहुंचे हैं. इनमें 3 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं.

खत्म होने की कगार पर ये प्रजातियां

विशेषज्ञों के अनुसार, पेटेंट स्टार्क और ब्लैक हैडेड जैसी प्रजातियां पूरी दुनिया में विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी हैं. वहीं यूरेसियन स्पून बिल प्रजाति अन्य देशों में पाई जाती है. लेकिन भारत में यह विलुप्त होने के करीब है. इन पक्षियों के संरक्षण के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.

सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट

टीम में शामिल जैव विविधता की जिला समन्वयक बबीता श्योराण ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जलभराव वाले क्षेत्र का पूरा डेटा लिया गया है. अब इस रिपोर्ट को सरकार को सौंपा जाएगा. ताकि इस क्षेत्र को संरक्षित किया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि बिरही कलां क्षेत्र बर्ड सेंचुरी के लिए एक उपयुक्त स्थान है.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

बिरही कलां गांव के सरपंच राजबीर सिंह ने कहा कि यदि सरकार उनके गांव में बर्ड सेंचुरी बनाती है, तो इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इससे न केवल क्षेत्र का विकास होगा. बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि यह पहल बिरही कलां गांव को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाएगी.

बर्ड सेंचुरी बनने से क्या होंगे फायदे?

  • पक्षियों का संरक्षण – दुर्लभ और प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित ठिकाना मिलेगा.
  • पर्यावरणीय संतुलन – जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा.
  • पर्यटन को बढ़ावा – पर्यटक पक्षियों को देखने के लिए आएंगे. जिससे स्थानीय व्यवसाय को फायदा होगा.
  • रोजगार के नए अवसर – गाइड, होटल, रेस्तरां और अन्य सेवाओं में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

सरकार की क्या होगी भूमिका?

अब जब विशेषज्ञों ने बिरही कलां गांव को बर्ड सेंचुरी के लिए उपयुक्त पाया है, तो सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार जल्द ही इस क्षेत्र को आरक्षित घोषित कर सकती है. इससे पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी.

Leave a Comment