Farming In March: मार्च का महीना खेती के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस समय गर्मी की फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है. जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. गर्मी में कुछ सब्जियों की मांग बहुत अधिक होती है, इसलिए इनकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. आज हम आपको तीन ऐसी सब्जियों के बारे में बताएंगे. जिनकी खेती से आप शानदार कमाई कर सकते हैं.
1. लौकी की खेती: कम लागत में ज्यादा मुनाफा
लौकी एक बेहद लोकप्रिय और सेहतमंद सब्जी है. जिसकी बाजार में सालभर मांग बनी रहती है. गर्मियों में इसकी खपत बढ़ जाती है. जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है.
खेती की आवश्यकताएं
- बुवाई का समय: मार्च से अप्रैल
- मिट्टी का प्रकार: दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उत्तम रहती है.
- सिंचाई: गर्मी में 5-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई जरूरी है.
- खाद एवं उर्वरक: जैविक खाद, गोबर खाद और नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का उपयोग करें.
- कटाई-छंटाई: बुवाई के 50-60 दिन बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं.
लाभ
- लौकी की फसल कम लागत में तैयार हो जाती है और उत्पादन अधिक होता है.
- प्रति हेक्टेयर 300-400 क्विंटल तक उत्पादन संभव है.
- बाजार में प्रति किलो 20-30 रुपये तक आसानी से मिल जाते हैं, जिससे अच्छा लाभ कमाया जा सकता है.
2. भिंडी की खेती: कम पानी में ज्यादा उत्पादन
भिंडी भारतीय बाजार में गर्मियों के दौरान सबसे अधिक पसंद की जाने वाली सब्जियों में से एक है. यह कम लागत और कम पानी में भी अच्छी उपज देती है. जिससे छोटे और बड़े किसान दोनों के लिए यह लाभकारी फसल है.
खेती की आवश्यकताएं
- बुवाई का समय: फरवरी के अंत से अप्रैल तक
- मिट्टी का प्रकार: अच्छी जलनिकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी बेहतर रहती है.
- सिंचाई: 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें.
- खाद एवं उर्वरक: नाइट्रोजन, फास्फोरस और जैविक खाद का संतुलित उपयोग करें.
- कटाई-छंटाई: 40-45 दिनों में भिंडी की पहली तुड़ाई हो सकती है.
लाभ
- भिंडी की फसल जल्दी तैयार होती है और 2-3 महीनों तक उत्पादन देती है.
- प्रति हेक्टेयर 100-150 क्विंटल तक उपज मिल सकती है.
- बाजार में भिंडी की कीमत 30-50 रुपये प्रति किलो तक मिल सकती है, जिससे अच्छा मुनाफा होता है.
3. खीरा की खेती: गर्मियों की सबसे ज्यादा बिकने वाली सब्जी
गर्मी के मौसम में खीरा की मांग बहुत अधिक रहती है. यह ताजगी भरी सब्जी होने के कारण लोग इसे सलाद और जूस के रूप में खूब इस्तेमाल करते हैं. खीरे की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं, क्योंकि बाजार में इसकी कीमत अच्छी मिलती है.
खेती की आवश्यकताएं
- बुवाई का समय: मार्च से अप्रैल
- मिट्टी का प्रकार: दोमट या बलुई मिट्टी सबसे अच्छी रहती है.
- सिंचाई: गर्मी में 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें.
- खाद एवं उर्वरक: जैविक खाद और पोटाश, नाइट्रोजन का संतुलित उपयोग करें.
- कटाई-छंटाई: बुवाई के 40-45 दिनों बाद पहली तुड़ाई की जा सकती है.
लाभ
- खीरे की फसल जल्दी तैयार होती है और बाजार में हमेशा अच्छी कीमत पर बिकती है.
- प्रति हेक्टेयर 150-200 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है.
- बाजार में इसकी कीमत 25-40 रुपये प्रति किलो तक मिल सकती है, जिससे किसानों को बड़ा मुनाफा मिलता है.
खेती में आधुनिक तकनीक अपनाकर बढ़ाएं मुनाफा
आजकल खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग, जैविक खाद और हाइब्रिड बीजों का उपयोग करके किसान अपनी पैदावार को कई गुना बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा, खेती के साथ-साथ मार्केटिंग पर भी ध्यान देना जरूरी है. ताकि सही समय पर फसल को सही दाम पर बेचा जा सके.