होली से पहले कर्मचारियों को मिली बड़ी सौगात, सरकार ने ग्रेच्युटी, सवेतन मातृत्व अवकाश और रिटायरमेंट आयु में की बढ़ोतरी Employees Holi Gift

Employees Holi Gift: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को ग्रेच्युटी, वेतन सहित मातृत्व अवकाश और सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. यह फैसला उन हजारों आशा कार्यकर्ताओं के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा, जो स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करती हैं.

सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष की गई

सरकार की नई घोषणा के तहत, आशा कार्यकर्ताओं की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है. इससे इन कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त दो वर्षों तक सेवा देने का अवसर मिलेगा और उनके लिए वित्तीय स्थिरता भी सुनिश्चित होगी. इस फैसले से 42,752 आशा कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा.

30 साल की सेवा पूरी करने पर मिलेगा बड़ा सेवानिवृत्ति लाभ

राज्य सरकार के नए नियमों के तहत जो आशा कार्यकर्ता 30 साल की सेवा पूरी करेंगी, उन्हें सेवानिवृत्ति पर 1.50 लाख रुपये का लाभ मिलेगा. यह उन आशा कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो सालों से समाज और स्वास्थ्य सेवा में योगदान दे रही हैं. यह राशि उनकी आर्थिक सुरक्षा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगी.

मातृत्व अवकाश में हुआ बड़ा बदलाव

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आशा कार्यकर्ताओं के लिए मातृत्व अवकाश का भी विस्तार किया है. अब प्रत्येक कार्यकर्ता को पहले दो प्रसवों के लिए 180 दिनों का वेतन सहित मातृत्व अवकाश मिलेगा. पहले यह सुविधा सीमित थी. लेकिन अब इस नए फैसले से कार्यरत महिलाओं को अपने परिवार और नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए अधिक समय मिलेगा.

केंद्रीय मंत्री ने भी दिया समर्थन

आशा कार्यकर्ताओं के समर्थन में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह केरल में मानदेय और सेवानिवृत्ति लाभ बढ़ाने की मांग को केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के सामने भी उठाएंगे.

आशा कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन और सरकार का रुख

हाल ही में केरल में आशा कार्यकर्ताओं ने अपने वेतन और अन्य सुविधाओं में सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने प्रदर्शन स्थल पर जाकर आशा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उनकी मांगों को सुना. उन्होंने कहा कि,

“आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. इन कार्यकर्ताओं को असुरक्षा महसूस नहीं होनी चाहिए.”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत और उनके योगदान को पहचानना चाहिए और उनके अधिकारों को सुरक्षित करना चाहिए.

आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका और उनका महत्व

आशा कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करती हैं. वे गर्भवती महिलाओं की देखभाल, नवजात शिशुओं के टीकाकरण, परिवार नियोजन जागरूकता, कुपोषण रोकथाम, टीबी और अन्य बीमारियों की निगरानी जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इसके बावजूद उन्हें अक्सर कम वेतन और सीमित सुविधाओं के साथ काम करना पड़ता है.

सरकार के इस फैसले से क्या बदलने की उम्मीद?

  • लंबी सेवा का लाभ – सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 वर्ष तक बढ़ने से आशा कार्यकर्ताओं को अधिक समय तक नौकरी करने का अवसर मिलेगा.
  • आर्थिक सुरक्षा – अब आशा कार्यकर्ताओं को सेवा समाप्ति के बाद 1.50 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलेगी, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी.
  • बेहतर कार्य संतुलन – 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलने से कार्यकर्ताओं को काम और परिवार के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी.

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