गेहूं की फसल को लेकर आई खुशखबरी, खुशी से झूम उठे किसान भाई Wheat Cultivation

Wheat Cultivation: हरियाणा में कड़ाके की सर्दी के बाद अब मौसम ने करवट ले ली है. हाल के दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिला है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. दिन का तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है, जबकि रात का तापमान सामान्य है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा, लेकिन दिन का तापमान अभी भी अधिक बना रह सकता है. यह बदलाव गेहूं की फसल के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

गेहूं की फसल पर मौसम के बदलाव का असर

करनाल स्थित राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. रतन तिवारी ने बताया कि हाल के दिनों में तेज धूप के कारण गेहूं की फसल में अंकुरण और भुट्टे निकलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गेहूं की फसल इस समय ठीक स्थिति में है और उसमें पर्याप्त कल्ले दिखाई दे रहे हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हैं. यह किसानों के लिए राहत की बात हो सकती है.

गेहूं उत्पादन का लक्ष्य और वर्तमान स्थिति

संस्थान के निदेशक ने बताया कि इस वर्ष गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 115 मिलियन टन रखा गया है. अब तक प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर हम इस लक्ष्य की ओर सफलतापूर्वक बढ़ रहे हैं. हालांकि मौसम में लगातार हो रहे बदलावों के कारण किसानों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. फसल की स्थिति को देखते हुए अभी तक उत्पादन को लेकर कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई है.

किसानों के लिए सिंचाई को लेकर महत्वपूर्ण सलाह

संस्थान के निदेशक ने किसानों को सिंचाई को लेकर जरूरी सलाह दी है. उन्होंने कहा कि इन दिनों हवाएं चल रही हैं. जिससे सिंचाई के दौरान पानी का उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे दिन में सिंचाई करने के बजाय शाम के समय सिंचाई करें. क्योंकि इस दौरान हवाएं कम होती हैं और पानी का अधिकतम लाभ फसल को मिल सकता है. यह सिंचाई प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाएगा और किसानों की मेहनत सफल होगी.

फसल में पीला रतुआ रोग का प्रभाव नहीं

इस बार गेहूं की फसल के लिए अच्छी खबर यह है कि अब तक पीला रतुआ रोग (Yellow Rust Disease) नहीं देखा गया है. निदेशक ने बताया कि नई गेहूं की किस्मों के इस्तेमाल और सही कृषि तकनीकों के कारण इस बार फसल रोगमुक्त बनी हुई है. यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत है. क्योंकि पीला रतुआ रोग फसल को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और उत्पादन को प्रभावित कर सकता है.

मौसम विभाग की भविष्यवाणी और आगे की संभावनाएं

मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, आने वाले दिनों में हरियाणा में मौसम साफ रहेगा और दिन के समय तापमान सामान्य से अधिक बना रह सकता है. इसका सीधा असर फसलों पर पड़ेगा. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों को इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपनी फसल की देखभाल करनी चाहिए. समय पर सिंचाई और उर्वरकों का उचित उपयोग करना बेहद जरूरी होगा.

किसानों को सतर्क रहने की जरूरत

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस समय किसानों को सतर्क रहने और फसल की लगातार निगरानी करने की जरूरत है. कुछ महत्वपूर्ण सुझाव जो किसानों को अपनाने चाहिए:

  • फसल की नियमित जांच करें और किसी भी असामान्य बदलाव पर तुरंत कार्रवाई करें.
  • शाम को सिंचाई करें, ताकि पानी का अधिकतम उपयोग हो सके.
  • नमी बनाए रखें, ताकि अत्यधिक गर्मी से फसल प्रभावित न हो.
  • संभावित रोगों पर नजर रखें और विशेषज्ञों से सलाह लें.

कृषि विशेषज्ञों की राय

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किसान जैविक तरीकों को अपनाएं और अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से बचें. मौसम में आ रहे बदलाव को देखते हुए किसानों को अपनी कृषि तकनीकों को समायोजित करने की आवश्यकता है.

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