महज 5 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा 3 लाख तक का लोन, मोदी सरकार लेकर आई खास स्कीम PM Vishwakarma Yojana

PM Vishwakarma Yojana: केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिनका लाभ विभिन्न वर्गों को मिल रहा है. पीएम विश्वकर्मा योजना भी ऐसी ही एक खास योजना है. जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को 3 लाख रुपये तक का सस्ता लोन और विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग व टूल किट की सुविधा दी जाती है.

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक हस्तशिल्प और कारीगरी से जुड़े लोगों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना है. सरकार चाहती है कि कारीगर और शिल्पकार अपनी परंपरागत कला को आगे बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर बनें और अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें. इस योजना के तहत 5% की रियायती ब्याज दर पर लोन दिया जाता है. जिससे ये कारीगर बिना किसी वित्तीय दबाव के अपने कार्य को और आगे बढ़ा सकें.

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत मिलने वाले लाभ

इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. जिनमें शामिल हैं:

  • लोन सुविधा: 5% ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक का गिरवी-मुक्त लोन दिया जाता है.
  • ब्याज अनुदान: सरकार 8% की सीमा तक ब्याज अनुदान देती है. जिससे लोन का बोझ कम होता है.
  • स्किल अपग्रेडेशन: इस योजना के तहत लाभार्थियों को नई तकनीकों और व्यवसाय प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाती है.
  • टूलकिट प्रोत्साहन: 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाता है. जिससे कारीगर अपने व्यवसाय को बेहतर बना सकते हैं.
  • डिजिटल लेन-देन में सहायता: सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन और मार्केटिंग सपोर्ट भी प्रदान कर रही है.
  • प्रमाण पत्र और पहचान पत्र: सभी लाभार्थियों को सरकार द्वारा पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और एक आईडी कार्ड दिया जाता है. जिससे वे सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकें.

योजना में कौन आवेदन कर सकता है?

पीएम विश्वकर्मा योजना मुख्य रूप से एमएसएमई (MSME) क्षेत्र के कारीगरों और शिल्पकारों के लिए शुरू की गई है. यह योजना स्कूल छोड़ने वालों से लेकर एम.टेक डिग्री धारकों तक के लिए खुली है. इस योजना का उद्देश्य औद्योगिक विकास में कारीगरों और शिल्पकारों की भागीदारी को बढ़ाना और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है.

योजना में कौन-कौन से कारीगर शामिल हैं?

सरकार ने इस योजना में कई पारंपरिक हस्तशिल्प और कारीगरी से जुड़े लोगों को शामिल किया है. इस योजना के अंतर्गत आने वाले प्रमुख कारीगर और शिल्पकार हैं:

  • बढ़ई (Carpenter)
  • नाव निर्माता (Boat Maker)
  • हथियार निर्माता
  • लोहार (Blacksmith)
  • हथौड़ा और टूल किट निर्माता
  • ताला बनाने वाले (Locksmith)
  • सोनार (Goldsmith)
  • कुम्हार (Potter)
  • मूर्तिकार (Sculptor, पत्थर तराशने वाला)
  • पत्थर तोड़ने वाला
  • मोची / जूता कारीगर (Cobbler)
  • राजमिस्त्री (Mason)
  • टोकरी, चटाई, झाड़ू निर्माता / कॉयर बुनकर
  • गुड़िया और पारंपरिक खिलौना निर्माता
  • नाई (Barber)
  • माला बनाने वाले (Garland Maker)
  • धोबी (Washerman)
  • दर्जी (Tailor)
  • मछली पकड़ने का जाल निर्माण करने वाले कारीगर

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

अगर आप इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया को पूरा करना होगा:

  • पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर जाएं और ऑनलाइन पंजीकरण (Registration) करें.
  • नजदीकी सामान्य सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से भी मुफ्त पंजीकरण किया जा सकता है.
  • आवेदन करते समय आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और व्यवसाय से संबंधित जानकारी दर्ज करनी होगी.
  • आवेदन स्वीकृत होने के बाद लाभार्थी को आईडी कार्ड और प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.
  • इसके बाद लाभार्थी को लोन और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.

योजना के अंतर्गत कैसे मिलेगा लोन?

इस योजना में लाभार्थियों को गिरवी-मुक्त (Collateral Free) लोन दिया जाता है.

  • पहली किस्त में 1 लाख रुपये का लोन मिलेगा.
  • समय पर भुगतान करने के बाद 2 लाख रुपये की दूसरी किस्त जारी होगी.
  • लोन पर केवल 5% की ब्याज दर लगेगी, जबकि सरकार 8% तक ब्याज सब्सिडी देगी.

योजना से होने वाले लाभ

  • डिजिटल इंडिया से जुड़ाव: डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने से कारीगरों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
  • आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम: यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी.
  • रोजगार के नए अवसर: इससे पारंपरिक कारीगरों को अपना व्यवसाय बढ़ाने में सहायता मिलेगी.
  • स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा: इस योजना से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा. जिससे ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूती मिलेगी.

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