RBI Penalty: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (HSBC) और IIFL समस्ता फाइनेंस लिमिटेड पर नियामक निर्देशों के उल्लंघन के कारण भारी जुर्माना लगाया है. HSBC पर 66.6 लाख रुपये और IIFL समस्ता फाइनेंस पर 33.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
क्यों हुई यह कार्रवाई?
RBI के अनुसार HSBC ने अपने ग्राहक को जानें (KYC) और जमा पर ब्याज दर से संबंधित निर्देशों का पालन नहीं किया. जिसके कारण यह दंड लगाया गया. वहीं, IIFL समस्ता फाइनेंस लिमिटेड ने ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण गैर-जमा स्वीकार करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (RBI) निर्देश, 2016’ तथा KYC के कुछ नियमों का उल्लंघन किया.
HSBC पर क्यों लगा जुर्माना?
RBI ने 31 मार्च 2023 तक HSBC की वित्तीय स्थिति का निरीक्षण किया था. जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं.
- एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) नियमों का उल्लंघन: बैंक ने एएमएल अलर्ट के निपटान का कार्य अपनी समूह कंपनी को आउटसोर्स कर दिया था, जो नियामक नियमों का उल्लंघन है.
- ऋण सूचना कंपनियों को गलत जानकारी: कुछ उधारकर्ताओं के अनसिक्योर विदेशी मुद्रा जोखिम की जानकारी ऋण सूचना कंपनियों को नहीं दी गई थी.
- अयोग्य संस्थाओं के बचत खाते: कुछ अयोग्य संस्थाओं के नाम पर बचत जमा खाते खोले गए, जो RBI के दिशानिर्देशों के खिलाफ है.
IIFL समस्ता फाइनेंस लिमिटेड पर क्यों लगा जुर्माना?
IIFL समस्ता फाइनेंस लिमिटेड की वित्तीय स्थिति का भी 31 मार्च 2023 तक निरीक्षण किया गया था, जिसमें निम्नलिखित कमियां पाई गईं:
- निष्पक्ष आचरण संहिता का उल्लंघन: कंपनी ने कुछ उधारकर्ताओं से ऋण वितरण या चेक जारी करने की तिथि से पहले ब्याज वसूला, जो RBI के नियमों का उल्लंघन है.
- NPA वर्गीकरण में लापरवाही: 90 दिनों या उससे अधिक समय से बकाया राशि वाले कुछ ऋण खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया.
नियामक अनुपालन में कमी का असर
RBI ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल नियामक अनुपालन में कमियों को सुधारने के लिए की गई है. यह संस्थाओं द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित नहीं करता. हालांकि इससे यह साफ हो गया है कि बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों को नियमों का पालन करने में और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.
भारतीय रिजर्व बैंक का सख्त रुख
RBI ने पिछले कुछ वर्षों में बैंकों और वित्तीय कंपनियों पर नियमों के उल्लंघन को लेकर सख्ती दिखाई है.
- बैंकों को मजबूत नियामक ढांचे का पालन करना होगा: बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं को पारदर्शिता बनाए रखने और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमों का पालन करना होगा.
- बढ़ी हुई निगरानी: RBI समय-समय पर वित्तीय संस्थानों का निरीक्षण करता है ताकि नियमों के अनुपालन की जांच की जा सके.