Employees Huge Hike: उत्तर प्रदेश सरकार ने संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट 2025-26 में कर्मचारियों के मानदेय में 4000 रुपये की वृद्धि करने की घोषणा की है. इस फैसले से लाखों संविदा कर्मचारियों को फायदा होगा. आइए जानते हैं कि यह फैसला कैसे लागू होगा और इससे कर्मचारियों को क्या-क्या लाभ मिलेंगे.
अब हर महीने मिलेगा 20,000 रुपये मानदेय
अब तक उत्तर प्रदेश में संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को न्यूनतम 16,000 रुपये का वेतन मिलता था. लेकिन अब यह बढ़कर 20,000 रुपये प्रति माह हो जाएगा. इसका फायदा राज्य के 1,91,644 संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मिलेगा, जो विभिन्न सरकारी विभागों में सेवाएं दे रहे हैं. यह बढ़ोतरी उन कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर है, जो लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे.
राज्य सरकार बनाएगी आउटसोर्सिंग भर्ती निगम
सरकार केवल वेतन ही नहीं बढ़ा रही, बल्कि भर्ती प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाने के लिए आउटसोर्सिंग भर्ती निगम बनाने जा रही है. इस कदम से निजी भर्ती एजेंसियों की मनमानी खत्म होगी और कर्मचारियों को पूरा वेतन मिल सकेगा. अभी तक निजी एजेंसियां अपने हिसाब से कमीशन काटकर वेतन देती थीं. जिससे कर्मचारियों को पूरी सैलरी नहीं मिल पाती थी. अब यह एजेंसियां राज्य सरकार के अधीन होंगी और कर्मचारियों को उनके मेहनत का पूरा भुगतान मिलेगा.
संविदा कर्मचारियों को मिलेगा 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज
योगी सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री जनआरोग्य आयुष्मान कार्ड देने की भी घोषणा की है. इस कार्ड के जरिए कर्मचारियों और उनके परिवार को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा. इससे संविदा कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे बिना किसी चिंता के अपना इलाज करवा सकेंगे.
राजस्थान सरकार ने भी बढ़ाया मानदेय
उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान सरकार ने भी अपने संविदा कर्मचारियों के लिए मानदेय में वृद्धि की है. 19 फरवरी 2025 को पेश किए गए राजस्थान बजट 2025-26 में पंचायतीराज और शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 10% की वृद्धि का ऐलान किया गया. इसके अलावा मंदिरों और पुजारियों की भोग राशि को 3,000 रुपये और उनका मानदेय 7,000 रुपये कर दिया गया है. राजस्थान सरकार ने अल्प आय वर्ग के बुजुर्गों, एकल नारियों, विधवाओं और लघु एवं सीमांत किसानों की पेंशन राशि भी बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति माह करने का फैसला लिया है. इससे यह साफ दिखता है कि राज्य सरकारें अब संविदा कर्मचारियों और समाज के अन्य वर्गों की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं.
कर्मचारियों के लिए यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पहले स्थायी कर्मचारियों की तरह सुविधाएं नहीं मिलती थीं. लेकिन अब सरकार उन्हें भी कई सुविधाएं देने की योजना बना रही है. मानदेय बढ़ाने के साथ-साथ अब इन्हें भी चिकित्सा और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता जैसे लाभ मिलेंगे. इससे पहले भी कई संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं. उनका कहना था कि महंगाई के इस दौर में 16,000 रुपये में जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है. सरकार के इस फैसले से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे अपने परिवार की जरूरतों को अच्छे से पूरा कर पाएंगे.
संविदा कर्मचारियों को क्या और फायदे मिल सकते हैं?
योगी सरकार संविदा कर्मचारियों के लिए और भी नई योजनाएं ला सकती है. माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने की प्रक्रिया पर भी विचार कर सकती है. इसके अलावा भविष्य में उन्हें अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह भत्ते और प्रमोशन जैसी सुविधाएं भी दी जा सकती हैं.