प्राइवेट स्कूलों की सहमति से होंगे 5वीं 8वीं की बोर्ड परीक्षा, जारी हुए आदेश 5th-8th Board Exam

5th-8th Board Exam: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राज्य के निजी स्कूलों को 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा से छूट देने का फैसला किया है. इस संबंध में गुरुवार को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया. आदेश के मुताबिक जो निजी स्कूल इस परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं. वे केंद्रीकृत परीक्षा देने के लिए बाध्य नहीं होंगे.

कौन से निजी स्कूल होंगे शामिल?

इस फैसले के अनुसार:

  • जो निजी स्कूल केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं. उनके लिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
  • ऐसे स्कूलों में परीक्षा जिला शिक्षा कार्यालय (DEO) की देखरेख में आयोजित की जाएगी.
  • जो निजी स्कूल परीक्षा में सम्मिलित नहीं होना चाहते हैं. उनके लिए केंद्रीकृत परीक्षा आवश्यक नहीं होगी.

जिला शिक्षा अधिकारियों को मिली अहम जिम्मेदारी

शिक्षा विभाग ने परीक्षा को लेकर जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है.

  • DEO को निजी विद्यालयों से उनकी सहमति और असहमति पूछने की जिम्मेदारी दी गई है.
  • जो स्कूल परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं. उनके लिए परीक्षा की समुचित व्यवस्था की जाएगी.
  • निजी स्कूलों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए शिक्षा विभाग को लिखित सूचना देनी होगी.

संकुल समन्वयकों को सौंपी गई विशेष जिम्मेदारी

शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे निजी स्कूलों से परीक्षा में शामिल होने की सहमति या असहमति प्राप्त करें.

  • BEO ने यह जिम्मेदारी संकुल समन्वयकों को सौंपी है.
  • संकुल समन्वयकों को सभी निजी विद्यालयों से लिखित सहमति या असहमति पत्र जमा करवाना होगा.

17 मार्च से शुरू होंगी केंद्रीकृत परीक्षाएं

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 5वीं और 8वीं कक्षा की केंद्रीकृत परीक्षा की नई तिथि घोषित कर दी गई है.

  • 5वीं कक्षा की परीक्षा 17 मार्च से 27 मार्च तक होगी.
  • 8वीं कक्षा की परीक्षा 18 मार्च से शुरू होगी और 3 अप्रैल को समाप्त होगी.
  • परीक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है.

परीक्षा का फॉर्मेट कैसा होगा?

इस बार परीक्षा का फॉर्मेट कुछ इस प्रकार होगा:

  • 5वीं कक्षा के प्रत्येक प्रश्नपत्र 50 अंकों के होंगे. इसमें:
  • 40 अंक लिखित परीक्षा के होंगे.
  • 10 अंक प्रायोजना कार्य (प्रोजेक्ट वर्क) के होंगे.
  • 8वीं कक्षा के प्रश्नपत्र 100 अंकों के होंगे. इसमें:
  • 80 अंक लिखित परीक्षा के होंगे.
  • 20 अंक प्रायोजना कार्य के होंगे.

परीक्षा को लेकर छात्रों और स्कूलों के लिए सुझाव

परीक्षा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों और स्कूल प्रशासन को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम को ध्यान से पढ़ें और परीक्षा पैटर्न को समझें.
  • स्कूल प्रशासन को परीक्षा से जुड़े सभी दस्तावेज सही समय पर शिक्षा विभाग को जमा कराने होंगे.
  • विद्यार्थियों को प्रायोजना कार्य (प्रोजेक्ट वर्क) पर विशेष ध्यान देना चाहिए. क्योंकि यह परीक्षा का अहम हिस्सा होगा.

इस बदलाव से किसे होगा फायदा?

  • निजी स्कूलों को अपने शैक्षणिक कार्यक्रम को स्वतंत्र रूप से संचालित करने की सुविधा मिलेगी.
  • विद्यार्थियों को बेहतर परीक्षा तैयारी के लिए समय मिलेगा.
  • शिक्षा विभाग को परीक्षा आयोजन में सहूलियत होगी.

शिक्षा विभाग का उद्देश्य क्या है?

शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाना और विद्यार्थियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है. सरकार चाहती है कि परीक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया जाए ताकि विद्यार्थी बिना किसी दबाव के बेहतर प्रदर्शन कर सकें.

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