रजिस्ट्री करवाने वालों के लिए बड़ी खबर, अब खड़ी हुई ये मुश्किल Land Registery

Land Registery: पंजाब में अनाधिकृत प्लाटों की रजिस्ट्रियों को लेकर लोगों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने जब बिना एनओसी (NOC) के रजिस्ट्रियां करवाने की घोषणा की, तो लोगों को लगा कि वर्षों से अटकी उनकी जमीन की कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. लेकिन अब अपॉइंटमेंट्स की कमी के कारण हजारों लोग अपने प्लाट की रजिस्ट्री नहीं करवा पा रहे हैं. पटियाला में जहां रोजाना केवल 250 अपॉइंटमेंट्स दी जाती हैं. वहीं समाना में यह संख्या महज 50 है. प्लाटों की संख्या हजारों में होने के कारण बड़ी संख्या में लोग रोजाना तहसील कार्यालय पहुंच रहे हैं. लेकिन अपॉइंटमेंट न मिलने की वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है.

सरकारी फैसले से मिली राहत लेकिन प्रक्रिया में अड़चनें

जब सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों के प्लाटों की बिना एनओसी के रजिस्ट्रियां करवाने का फैसला लिया, तो इसे आम जनता ने बहुत राहत भरा कदम माना. लंबे समय से जिन लोगों ने प्लाट खरीदे थे, वे अपनी रजिस्ट्री न होने के कारण असमंजस में थे. कई परिवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी जीवनभर की पूंजी लगाकर प्लाट खरीदे, लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी न होने के कारण वे अपने हक से वंचित रह गए. सरकार के इस फैसले से लोगों को उम्मीद बंधी थी कि उन्हें जल्द ही मालिकाना हक मिल जाएगा. लेकिन अपॉइंटमेंट्स की कमी इस पूरी प्रक्रिया को मुश्किल बना रही है.

सारस मेला और वीआईपी दौरे भी बन रहे देरी की वजह

रजिस्ट्रियों की प्रक्रिया में देरी की एक और बड़ी वजह प्रशासनिक बाधाएं भी हैं. कई बार किसी बड़े सरकारी आयोजन, जैसे कि सारस मेला या फिर वीआईपी दौरे के कारण तहसीलदार और अन्य अधिकारियों को वहां जाना पड़ता है. ऐसे में उस दिन की अपॉइंटमेंट्स प्रभावित होती हैं और पहले से तयशुदा लोगों की भी रजिस्ट्रियां नहीं हो पातीं. इससे आम जनता मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो रही है.

आखिरी तारीख नजदीक, लेकिन हजारों लोग अभी भी प्रतीक्षा में

सरकार ने 28 फरवरी 2025 को इन रजिस्ट्रियों के लिए अंतिम तिथि तय की है. लेकिन जिस तरह से अपॉइंटमेंट्स सीमित संख्या में उपलब्ध हो रही हैं, उससे यह साफ है कि हजारों लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे. एच.आर. ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप सिंह अंटाल ननानसुं ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस योजना की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति अपने हक से वंचित न रहे.

सरकार के लिए बड़ा रेवेन्यू स्रोत, फिर भी प्रक्रिया धीमी

अनाधिकृत कॉलोनियों की रजिस्ट्रियां केवल जनता के लिए ही नहीं, बल्कि सरकार के लिए भी बड़े राजस्व (Revenue) का स्रोत हैं. जब लोग अपने प्लाट की रजिस्ट्री करवाते हैं, तो सरकार को स्टांप ड्यूटी और अन्य करों के रूप में करोड़ों रुपये मिलते हैं. सरकार के इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा हुआ और सरकार को भी भारी मात्रा में वित्तीय लाभ हुआ. लेकिन धीमी प्रक्रिया के कारण यह राजस्व भी सीमित हो गया है. अगर अंतिम तिथि बढ़ाई जाती है, तो सरकार को रोजाना करोड़ों रुपये की अतिरिक्त आय हो सकती है.

तकनीकी कारणों से भी प्रक्रिया में देरी

इस पूरी प्रक्रिया में तकनीकी कारण भी देरी का मुख्य कारण बन रहे हैं. कई बार ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता. जिससे लोग समय पर अपनी रजिस्ट्रियां नहीं करवा पाते. वहीं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में जरूरी दस्तावेजों की जांच में भी समय लग रहा है.

लोगों की मांग – अपॉइंटमेंट्स की संख्या बढ़ाई जाए

लोगों का कहना है कि अगर पटियाला में 250 और समाना में 50 अपॉइंटमेंट्स ही हर दिन दी जाएंगी, तो हजारों लोग छूट जाएंगे. ऐसे में जरूरी है कि सरकार अपॉइंटमेंट्स की संख्या बढ़ाए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ मिले.

क्या हो सकते हैं समाधान?

इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • विशेष शिविरों का आयोजन किया जाए, जहां बिना अपॉइंटमेंट के भी लोगों की रजिस्ट्रियां की जा सकें.
  • रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए, ताकि ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा सकें.
  • हर तहसील में अपॉइंटमेंट्स की संख्या बढ़ाई जाए. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों की रजिस्ट्रियां हो सकें.
  • ऑनलाइन सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाए, ताकि लोग आसानी से अपॉइंटमेंट ले सकें और उन्हें बार-बार तहसील जाने की जरूरत न पड़े.
  • अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की जाए, ताकि प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सके.

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