FAStag New Rule: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 17 फरवरी 2024 से FASTag ट्रांजैक्शन से जुड़े नए नियम लागू किए हैं. इन नियमों के तहत यदि कोई FASTag ब्लैकलिस्टेड है. बैलेंस कम है या टोल प्लाजा पर पहुंचने से 60 मिनट पहले हॉटलिस्ट किया गया था और आगमन के 10 मिनट बाद भी स्थिति वैसी ही बनी रहती है, तो लेन-देन को त्रुटि कोड 176 के साथ अमान्य कर दिया जाएगा. हालांकि यह नियम FASTag ग्राहकों पर सीधे रूप से कोई प्रभाव नहीं डालेगा.
NHAI ने FASTag यूजर्स की चिंताओं को किया दूर
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने स्पष्ट किया कि NPCI द्वारा जारी यह नया सर्कुलर केवल अधिग्रहणकर्ता बैंकों (Acquirer Banks) और जारीकर्ता बैंकों (Issuer Banks) के लिए है. इसका उद्देश्य FASTag ट्रांजैक्शन में होने वाले विवादों को हल करना और लेन-देन को सुगम बनाना है.
NHAI ने कहा कि FASTag प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है और ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है. टोल प्लाजा पर पहले की तरह ही FASTag सुचारू रूप से काम करेगा और यूजर्स को किसी अतिरिक्त नियम का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी.
टोल प्लाजा पर नए तकनीकी अपडेट
NHAI ने यह भी बताया कि अब नेशनल हाईवे के सभी टोल प्लाजा ICD 2.5 प्रोटोकॉल का उपयोग कर रहे हैं. यह एक उन्नत प्रणाली है, जिससे FASTag यूजर्स को अपने टैग की रियल-टाइम स्थिति की जानकारी मिलती है. इस अपडेट से यह फायदा होगा कि ग्राहक अपने FASTag को कभी भी रिचार्ज कर सकते हैं, और इसे टोल प्लाजा पार करने से पहले भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.
स्टेट हाईवे पर अभी भी पुरानी तकनीक का इस्तेमाल
NHAI ने जानकारी दी कि हालांकि नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा को ICD 2.5 प्रोटोकॉल में अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन कई स्टेट हाईवे टोल प्लाजा अभी भी पुराने ICD 2.4 प्रोटोकॉल पर काम कर रहे हैं. इस पुराने सिस्टम में टैग स्टेटस अपडेट होने में थोड़ा अधिक समय लगता है. हालांकि, वर्तमान में कई स्टेट हाईवे टोल प्लाजाओं को भी ICD 2.5 प्रोटोकॉल में अपग्रेड किया जा रहा है ताकि टोल कलेक्शन सिस्टम को अधिक प्रभावी और यात्रियों के अनुकूल बनाया जा सके.
FASTag यूजर्स के लिए NHAI की महत्वपूर्ण सलाह
NHAI ने FASTag यूजर्स को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं, जिससे वे टोल प्लाजा पर किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें.
- वॉलेट को UPI या बैंक खाते से लिंक करें – FASTag यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे अपने FASTag वॉलेट को UPI या बैंक खाते से लिंक करें और ऑटो-रिचार्ज सेटिंग्स को एक्टिवेट रखें. इससे टैग में कभी भी बैलेंस की कमी नहीं होगी और सफर बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा.
- समय पर FASTag रिचार्ज करें – जो लोग मैन्युअल रूप से रिचार्ज करना पसंद करते हैं, उन्हें टोल प्लाजा पहुंचने से पहले ही UPI, नेट बैंकिंग या अन्य ऑनलाइन भुगतान विकल्पों के जरिए FASTag रिचार्ज कर लेना चाहिए.
- ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करें – FASTag यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे अपने लेन-देन का स्टेटस समय-समय पर चेक करते रहें ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या से बचा जा सके.
- टोल प्लाजा पर लेन-देन में देरी से बचें – नए नियमों के तहत, यदि कोई टैग पहले से ब्लैकलिस्टेड या हॉटलिस्ट किया गया है, तो ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है. इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि टैग हमेशा एक्टिव और बैलेंस से भरा हुआ हो.
क्या ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत है?
NHAI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, FASTag के नए नियमों से ग्राहकों पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा. यदि आपका FASTag सही तरीके से रिचार्ज किया गया है और सक्रिय स्थिति में है, तो आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. NPCI का यह अपडेट मुख्य रूप से बैंकों के लिए है. जिससे वे ट्रांजैक्शन से जुड़ी समस्याओं को हल कर सकें और सिस्टम को अधिक प्रभावी बना सकें.
FASTag यूजर्स के लिए क्या बदलेगा?
इस नए अपडेट के बाद, ग्राहकों को निम्नलिखित बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
- बैंकों के लिए अधिक जिम्मेदारी – अब अधिग्रहणकर्ता और जारीकर्ता बैंक FASTag ट्रांजैक्शन को अधिक सुरक्षित और निर्बाध बनाने के लिए जिम्मेदार होंगे.
- रियल-टाइम FASTag स्टेटस अपडेट – अब हाईवे टोल प्लाजा पर ट्रांजैक्शन की जानकारी पहले से ज्यादा तेजी से अपडेट होगी.
- ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता – NPCI के नए नियमों से ट्रांजैक्शन से जुड़ी समस्याओं को कम किया जाएगा. जिससे ग्राहकों को कम असुविधा होगी.