सरकारी जमीन पर रहने वालों की हुई मौज, सरकार दे रही है जमीन का मालिकाना हक Land Possession

Land Possession: देशभर में लाखों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने सरकारी या पंचायती जमीन पर अपना मकान बना लिया है. अब सरकार ने इन लोगों को राहत देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. नए नियमों के तहत जो लोग सरकारी जमीन पर सालों से रह रहे हैं. उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा. इस फैसले से उन लोगों को फायदा होगा, जिनके पास खुद की जमीन नहीं थी और वे सरकारी जमीन पर बसे हुए थे.

सरकारी जमीन पर मकान होने पर भी मिलेगा मालिकाना हक

अब तक, जो लोग सरकारी जमीन पर कब्जा करके रह रहे थे, उन्हें कभी भी हटाया जा सकता था. लेकिन सरकार ने इस नियम में बदलाव कर दिया है. अब यदि किसी ने सरकारी जमीन पर मकान बना लिया है और वह सरकार की तय शर्तों को पूरा करता है, तो उसे उस जमीन का कानूनी मालिकाना हक मिल जाएगा. इससे वे न केवल अपने मकान में बेफिक्र रह पाएंगे, बल्कि उसे बेच भी सकेंगे.

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, पंचायती जमीन पर घरवालों को भी मिलेगा मालिकाना हक

हरियाणा सरकार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. पंचायती जमीन पर सालों से रहने वाले लोगों को अब जमीन का मालिकाना हक मिलेगा. खासकर वे लोग जो 20 साल से अधिक समय से पंचायती जमीन पर बसे हुए हैं. वे कलेक्टर रेट का भुगतान कर अपनी संपत्ति को अपने नाम कर सकते हैं. इससे लोगों को कानूनी रूप से घर का मालिकाना हक मिलेगा और वे उसे अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकेंगे या फिर बेच भी सकेंगे.

हरियाणा कैबिनेट बैठक में लिया गया अहम फैसला

हरियाणा सरकार की हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री नायक सिंह सनी की अध्यक्षता में एक अहम फैसला लिया गया. इस बैठक में हरियाणा विलेज बड़ा लैंड एक्ट 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई. इस संशोधन के तहत 500 वर्ग गज तक के मकानों पर कब्जा रखने वाले लोगों को मालिकाना हक देने की अनुमति दी गई है. इससे हजारों परिवारों को कानूनी रूप से अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा.

20 साल से रह रहे लोगों को मिलेगा फायदा

जो लोग 20 साल से अधिक समय से पंचायती जमीन पर बसे हुए हैं. वे सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. उन्हें सिर्फ कलेक्टर रेट पर भुगतान करना होगा और फिर वे उस जमीन के मालिक बन सकते हैं. इस नए फैसले से लोगों को सरकारी जमीन से बेदखल किए जाने का डर खत्म हो जाएगा.

यमुना और मारकंडा नदी किनारे बसे गांवों को खास लाभ

हरियाणा सरकार के अनुसार, यमुना और मारकंडा नदी के किनारे बसे कई गांव पूरी तरह से पंचायती जमीन पर बसे हुए हैं. बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण लोग इन इलाकों में आकर बस गए थे. ऐसे लोगों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उन्हें राहत देने का फैसला किया है. इस फैसले से हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा और वे कानूनी रूप से अपनी संपत्ति को बेचने, गिरवी रखने और अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे.

सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?

हरियाणा में कई गांव ऐसे हैं, जहां के लोग दशकों से पंचायती जमीन पर बसे हुए हैं. इन लोगों के पास अपनी कोई निजी जमीन नहीं थी, लेकिन सरकारी जमीन पर वे सालों से रह रहे थे. पहले इनके पास कानूनी अधिकार नहीं था. लेकिन अब सरकार ने उन्हें राहत देने का फैसला किया है. इससे न केवल ग्रामीणों को फायदा होगा. बल्कि राज्य में भूमि विवाद भी कम होंगे.

सरकार ने तय की जमीन की कीमत, जानें कितना देना होगा पैसा

सरकार ने इस योजना के तहत जमीन की कीमत 2004 के कलेक्टर रेट के आधार पर तय की है. इससे कब्जाधारी लोगों को कम कीमत में मालिकाना हक मिल सकेगा. पहले यह अधिकार केवल राज्य सरकार के पास था. लेकिन अब इसे पंचायत को सौंप दिया गया है. इससे लोग सीधे पंचायत से संपर्क कर अपने मकान का मालिकाना हक ले सकते हैं.

मालिकाना हक लेने के लिए क्या होगी प्रक्रिया?

अगर आपके पास भी पंचायती या सरकारी जमीन पर बना हुआ मकान है और आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया पूरी करनी होगी:

  • पंचायत या नगर निकाय से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें.
  • आवश्यक दस्तावेज जैसे निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बिजली-पानी का बिल आदि संलग्न करें.
  • कलेक्टर रेट के अनुसार भुगतान करें.
  • पंचायत या सरकारी विभाग से मालिकाना हक का प्रमाण पत्र प्राप्त करें.

एक साल में करना होगा आवेदन

सरकार ने इस योजना के लिए एक साल की समय सीमा तय की है. यानी जो लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें एक साल के अंदर आवेदन करना होगा और भुगतान पूरा करना होगा. पहले यह अधिकार मंत्रिमंडल के पास था, लेकिन अब इसे पंचायत विभाग को सौंप दिया गया है, जिससे प्रक्रिया सरल और तेज हो जाएगी.

क्या होगा इस योजना का फायदा?

इस योजना से हजारों लोगों को कई फायदे मिलेंगे:

  • भूमि विवाद कम होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिरता आएगी.
  • सरकारी जमीन पर बने घरों का कानूनी मालिकाना हक मिलेगा.
  • लोग अपनी संपत्ति को कानूनी रूप से बेच और खरीद सकेंगे.
  • किसी भी सरकारी कार्रवाई से जमीन पर कब्जाधारियों को सुरक्षा मिलेगी.

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