इन कर्मचारियों पर ऐक्शन लेगी सरकार, इस कारण जारी हुए सख्त ऑर्डर Government Action

Government Action: पंजाब स्टेट मिड डे मील सोसायटी ने हाल ही में एक अहम फैसला लिया है. नए निर्देशों के तहत किसी भी कुक-कम-हेल्पर को पंचायत चुनाव जीतने के बाद मिड डे मील योजना में अपनी सेवाएं जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह निर्णय जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से बताया गया है.

पंचायत चुनाव जीतने वाले कुक और हेल्पर्स नहीं कर सकेंगे नौकरी

सोसायटी ने अपने निर्देशों में बताया कि कई कुक-कम-हेल्पर्स ने हाल ही में हुए पंचायती चुनावों में भाग लिया और वे निर्वाचित भी हुए हैं. ऐसे में वे पंचायत सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. सरकार का मानना है कि एक व्यक्ति एक ही समय पर दो अलग-अलग सरकारी कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकता. इसलिए जिन कुक-कम-हेल्पर्स ने चुनाव जीत लिया है, उन्हें अब मिड डे मील योजना से हटाया जाएगा.

पंचायत सदस्य और कुक का दायित्व एक साथ नहीं निभा सकते

मिड डे मील सोसायटी का कहना है कि पंचायत सदस्य के रूप में काम करने वाले व्यक्ति के लिए एक अन्य सरकारी योजना में समानांतर रूप से कार्य करना संभव नहीं है. यह न केवल प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. बल्कि इससे हितों का टकराव भी उत्पन्न हो सकता है. इसी कारण सरकार ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे सभी कुक-कम-हेल्पर्स को इस योजना से हटाया जाएगा.

आदेश का प्रभाव और क्रियान्वयन

सरकार के इस आदेश का असर पंजाब के कई जिलों में महसूस किया जाएगा. जिला शिक्षा अधिकारियों को इन आदेशों को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है. अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी स्कूलों में कार्यरत कुक और हेल्पर्स की स्थिति की समीक्षा की जाए और यदि कोई पंचायत चुनाव जीत चुका है, तो उसे हटाने की प्रक्रिया पूरी की जाए.

शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से मिड डे मील योजना को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा. इसके अलावा सरकार का उद्देश्य यह भी है कि प्रत्येक व्यक्ति को उसकी भूमिका और जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाने का अवसर मिले. यह निर्णय न केवल स्कूलों में भोजन वितरण प्रणाली को बेहतर बनाएगा. बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी आसान करेगा.

नए भर्ती की संभावनाएं

सरकार के इस आदेश के बाद मिड डे मील योजना के तहत खाली हुए पदों को भरने की जरूरत होगी. संभावना है कि शिक्षा विभाग जल्द ही नए कुक और हेल्पर्स की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा. इसके लिए संबंधित स्कूलों और जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे.

शिक्षकों और छात्रों पर असर

कई शिक्षकों और छात्रों ने इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. कुछ शिक्षकों का मानना है कि यह एक सही कदम है, क्योंकि इससे सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहेगी. हालांकि कुछ शिक्षकों और अभिभावकों को चिंता है कि इससे स्कूलों में भोजन तैयार करने में अस्थायी रूप से समस्या हो सकती है.

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