Driving License: पंजाब में करीब 5 लाख लोग अपने ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC) का इंतजार कर रहे हैं. पिछले चार महीनों से परिवहन विभाग द्वारा यह दस्तावेज जारी नहीं किए जा रहे हैं. जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वाहन चालकों को सबसे बड़ी चिंता चालान कटने की है. क्योंकि बिना इन दस्तावेजों के सड़क पर चलना जोखिम भरा हो सकता है.
मुख्यमंत्री का आदेश, फिर भी पेंडेंसी बनी हुई है
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने परिवहन विभाग को 15 जून 2024 तक जीरो पेंडेंसी सुनिश्चित करने का आदेश दिया था. लेकिन मौजूदा हालात इस आदेश के बिल्कुल विपरीत नजर आ रहे हैं. स्थिति यह है कि लोग महीनों से अपने दस्तावेजों के जारी होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन कोई ठोस समाधान अब तक नहीं निकला है.
स्मार्ट चिप कंपनी ने काम बंद किया, नई कंपनियां अब तक नहीं आईं
परिवहन विभाग के इस संकट के पीछे एक बड़ी वजह है मेसर्स स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी, जिसने नवंबर 2023 में लागत संबंधी दिक्कतों के कारण यह कार्य बंद कर दिया. हालांकि सितंबर 2025 तक इस कार्य को पूरा करने के लिए नए विक्रेताओं को टेंडर दिया गया है. लेकिन उन्होंने अब तक काम शुरू नहीं किया है.
परिवहन विभाग का बयान
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विभाग इस समस्या के समाधान के लिए कई कंपनियों से बातचीत कर रहा है. अधिकारी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस और आर.सी. की प्रिंटिंग प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. हालांकि कब तक यह समस्या हल होगी. इसका कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई है.
हर दिन बढ़ रहे हैं 10,000 नए लंबित मामले
हर दिन 10,000 से अधिक लोग अपने डी.एल. और आर.सी. के लिए आवेदन कर रहे हैं. जिससे लंबित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अब तक 5 लाख से अधिक आवेदन अटके पड़े हैं.
डिजिटल डॉक्यूमेंट को मान्यता, लेकिन लोगों में डर बरकरार
परिवहन विभाग ने पुलिस को निर्देश दिया है कि डी.जी. लॉकर या परिवहन ऐप से डाउनलोड किए गए आर.सी. और डी.एल. को वैध माना जाए. लेकिन इसके बावजूद लोग असमंजस में हैं और बिना हार्ड कॉपी के घर से निकलने में डर महसूस कर रहे हैं. डिजिटल डॉक्यूमेंट की मान्यता के बावजूद लोगों का विश्वास नहीं बन पा रहा है. क्योंकि कुछ मामलों में पुलिस द्वारा डिजिटल दस्तावेजों को स्वीकार करने में हिचकिचाहट देखी गई है.
वाहन मालिकों को हो रही परेशानियां
- ड्राइविंग लाइसेंस न होने से चालान का डर: लोग बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बाहर जाने से डर रहे हैं. क्योंकि बिना वैध डी.एल. के चालान कटने की संभावना बनी रहती है.
- नए वाहनों के मालिक परेशानी में: वाहन खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र न मिलने से वे कानूनी रूप से सड़क पर गाड़ी नहीं चला पा रहे हैं.
- वाहन फाइनेंस करने में दिक्कत: बैंक और फाइनेंस कंपनियां आर.सी. के बिना लोन अप्रूव करने में हिचक रही हैं, जिससे लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
- लंबित मामलों को शीघ्र हल करने की योजना बनाना: जिन लोगों के डी.एल. और आर.सी. अटके हुए हैं, उनके लिए प्राथमिकता के आधार पर इन्हें जारी किया जाए.
- तत्काल नई कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपना: नए विक्रेताओं को जल्द से जल्द काम शुरू करने का निर्देश देना चाहिए.
- प्रक्रिया को तेज करने के लिए विशेष टीम बनाना: परिवहन विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए एक विशेष कार्यबल बनाना चाहिए.
- डिजिटल डॉक्यूमेंट को पूरी तरह से लागू करना: पुलिस और ट्रैफिक विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल दस्तावेजों को पूरी तरह से मान्यता दी जाए.