TRAI New Rule: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में राष्ट्रीय नंबरिंग योजना में बदलाव के लिए नई सिफारिशें जारी की हैं. इन सिफारिशों का उद्देश्य मोबाइल और लैंडलाइन नंबरिंग संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के साथ-साथ उपयोगकर्ताओं के लिए एक संगठित और सुरक्षित दूरसंचार प्रणाली बनाना है. इस बदलाव का सीधा असर आम उपभोक्ताओं से लेकर दूरसंचार कंपनियों तक पड़ेगा. आइए विस्तार से समझते हैं कि ये नए बदलाव क्या हैं और इनका आपके मोबाइल नंबर पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
10-अंकीय मोबाइल नंबर में बदलाव
TRAI ने सुझाव दिया है कि मशीन-टू-मशीन (M2M) सेवाओं के लिए उपयोग होने वाले 10-अंकीय मोबाइल नंबरों को 13-अंकीय नंबरों में परिवर्तित किया जाए. इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य मोबाइल नंबरिंग संसाधनों की बढ़ती मांग को पूरा करना और भविष्य में जरूरतों के अनुरूप एक स्थायी समाधान प्रदान करना है.
इस बदलाव से किन्हें होगा असर?
- स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सेवाओं का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर होगा.
- विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में M2M संचार के लिए उपयोग किए जाने वाले नंबर बदल जाएंगे.
- यह परिवर्तन मोबाइल नंबरिंग संसाधनों की कमी की समस्या को हल करने में मदद करेगा.
लैंडलाइन से मोबाइल कॉलिंग में ‘0’ का उपयोग अनिवार्य
TRAI ने यह सुझाव दिया है कि अब किसी भी लैंडलाइन से मोबाइल नंबर पर कॉल करने के लिए पहले ‘0’ डायल करना अनिवार्य होगा.
इस बदलाव का कारण
- लैंडलाइन और मोबाइल नंबरिंग प्रणाली में स्पष्ट अंतर स्थापित करना.
- वर्तमान में लैंडलाइन से सीधे मोबाइल पर कॉलिंग में कोई विशेष उपसर्ग (prefix) आवश्यक नहीं होता. जिससे नंबरिंग संसाधनों का व्यवस्थित प्रबंधन कठिन हो जाता है.
- इस बदलाव के जरिए नंबरिंग प्रणाली को अधिक संगठित बनाया जाएगा.
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
- लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने के लिए अब ‘0’ लगाना आवश्यक होगा.
- सभी दूरसंचार कंपनियों को इस बदलाव को लागू करने के लिए आवश्यक तकनीकी बदलाव करने होंगे.
निष्क्रिय नंबरों का पुनः आवंटन
TRAI ने यह सिफारिश की है कि किसी भी निष्क्रिय मोबाइल नंबर को तुरंत बंद करने के बजाय उसे दो चरणों में प्रबंधित किया जाए:
- यदि कोई नंबर 90 दिनों तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे तुरंत बंद नहीं किया जाएगा.
- यदि कोई नंबर 365 दिनों तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे दोबारा आवंटित करने के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा.
इसका उद्देश्य
- निष्क्रिय नंबरों के पुनः उपयोग को सुनिश्चित करना.
- नंबरिंग संसाधनों की बर्बादी रोकना.
- उपभोक्ताओं को पर्याप्त समय देना ताकि वे अपने नंबर को सक्रिय रख सकें.
कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) प्रणाली का कार्यान्वयन
स्पैम कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी से बचाव के लिए TRAI ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) प्रणाली को लागू करने की सिफारिश की है. इस प्रणाली के तहत कॉल करने वाले का नाम रिसीवर की स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा.
CNAP प्रणाली क्यों जरूरी है?
- स्पैम और धोखाधड़ी वाले कॉल्स को रोकने के लिए.
- उपयोगकर्ताओं को अनजान नंबरों से कॉल आने पर सतर्क करने के लिए.
- यह बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगा.
CNAP प्रणाली से होने वाले फायदे
- उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और गोपनीयता में सुधार होगा.
- कॉल रिसीव करने से पहले कॉलर की पहचान स्पष्ट होगी.
- अनावश्यक और धोखाधड़ी वाले कॉल्स से बचने में मदद मिलेगी.