Vegetables Price: देशभर में महंगाई से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर आई है. कई राज्यों में बंपर पैदावार और राजधानी दिल्ली में मांग से अधिक आवक होने के कारण आलू, टमाटर, मटर, लौकी, शिमला मिर्च, गोभी और घीया जैसी सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. पिछले दो महीनों में इन सब्जियों के दाम 50 से 60 प्रतिशत तक कम हुए हैं.
टमाटर और आलू के दाम आधे से भी कम
दिसंबर में जो टमाटर 25-30 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. वह अब मात्र 6-8 रुपये किलो के थोक भाव में उपलब्ध है. इसी तरह आलू के दाम भी 15-20 रुपये किलो से घटकर अब 7-10 रुपये प्रति किलो पहुंच गए हैं. यह गिरावट आम जनता के लिए राहत लेकर आई है. क्योंकि महंगाई के दौर में सब्जियों की कीमतें घरेलू बजट पर बड़ा असर डालती हैं.
प्याज की कीमतें बनी हुई हैं स्थिर
हालांकि प्याज के दामों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. पिछले दो महीनों में प्याज की कीमतें मामूली उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिर रही हैं. आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 25-30 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है. जबकि बाजार में इसका भाव 40-50 रुपये प्रति किलो है. व्यापारियों का कहना है कि प्याज की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना कम है. क्योंकि गुजरात और महाराष्ट्र से आवक तो ठीक है, लेकिन मांग में स्थिरता बनी हुई है.
उत्तर भारत की बंपर पैदावार से दाम घटे
सब्जियों के दामों में आई इस गिरावट की मुख्य वजह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और राजस्थान में बंपर पैदावार को माना जा रहा है. व्यापारियों का कहना है कि इन राज्यों में सब्जियों की अच्छी फसल होने से आपूर्ति बढ़ी है और कीमतें गिर गई हैं.
मंडी में आलू की हर रोज सौ गाड़ियों की आवक
दिल्ली की आजादपुर मंडी के व्यापारियों का कहना है कि आलू, टमाटर और मटर की कीमतें आने वाले दो-तीन महीनों तक स्थिर रह सकती हैं. व्यापारी दिनेश अरोड़ा और रामबरन के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मेरठ और संभल क्षेत्र के अलावा पंजाब के जालंधर में आलू की अच्छी पैदावार हुई है. इसकी वजह से हर रोज मंडी में सौ गाड़ियों की आवक हो रही है.
हरी सब्जी व्यापारी अमित का कहना है कि इंदौर से टमाटर, जयपुर से मटर और अहमदाबाद से घीया, तोरई, बैंगन की सप्लाई मांग से अधिक हो रही है. जिससे इनकी कीमतों में गिरावट बनी हुई है.
गर्मी बढ़ते ही और घट सकते हैं दाम
व्यापारियों के अनुसार जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, एनसीआर की स्थानीय मंडियों से भी सब्जियों की आवक शुरू हो जाएगी. इससे सब्जियों के दामों में और नरमी आने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि प्याज के दामों में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है. व्यापारियों के अनुसार प्याज की कीमतें अगले कुछ महीनों तक इसी दायरे में रह सकती हैं.
जनता को राहत, घरेलू बजट में आएगी स्थिरता
सब्जियों के दामों में इस गिरावट से घरेलू बजट को बड़ी राहत मिली है. महंगाई के कारण कई महीनों से लोग सब्जियों के दामों को लेकर परेशान थे. लेकिन अब आम आदमी की थाली में सब्जियों की मात्रा बढ़ सकती है. प्याज को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख सब्जियों की कीमतों में भारी कमी आई है, जिससे लोगों को राहत मिली है.
व्यापारियों की राय: अभी कुछ महीनों तक राहत बरकरार
- आजादपुर मंडी के व्यापारियों का मानना है कि अगले दो-तीन महीनों तक सब्जियों की कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है.
- प्याज के दाम फिलहाल स्थिर बने हुए हैं और इसमें किसी बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है.
- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और राजस्थान में सब्जियों की बेहतर पैदावार से आपूर्ति बढ़ी है.
- टमाटर, आलू, मटर, लौकी, शिमला मिर्च, बैंगन, घीया जैसी सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आई है.
- गर्मी बढ़ने के साथ ही एनसीआर की स्थानीय मंडियों से भी सब्जी की आवक शुरू हो जाएगी. जिससे दाम और गिर सकते हैं.