हरियाणा में बिजली बिल रेट्स को लेकर बड़ी खबर, सरकार ने लिया बड़ा फैसला Bijli Rate

Bijli Rate: हरियाणा सरकार ने फिलहाल बिजली की दरों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. सरकार को डर है कि अगर अभी बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई, तो इसका असर आगामी निकाय चुनावों पर पड़ सकता है. इसी कारण हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग की स्टेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक में बिजली टैरिफ बढ़ाने को लेकर चर्चा तो हुई. लेकिन इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया.

बिजली कंपनियों ने रखा अपना पक्ष

बैठक के दौरान बिजली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने पीपीटी (प्रेजेंटेशन) के जरिए अपना पक्ष रखा. उन्होंने अपने घाटे का पूरा ब्योरा समिति के सामने प्रस्तुत किया और सरकार से घाटे की भरपाई करने की मांग की. इसके बाद बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सरकार बिजली कंपनियों को हुए घाटे को पूरा करेगी. जल्द ही इस मामले पर सरकार और आयोग के बीच एक और बैठक होगी. जिसमें इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

बिजली कंपनियों के अधिकारियों ने दी प्रगति रिपोर्ट

बैठक में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के एमडी ए श्रीनिवास, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के एमडी अशोक कुमार माणा और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (HVPN) की एमडी आशिमा बराड़ ने अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने बताया कि बिजली कंपनियों के राजस्व और खर्च में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है.

बिजली कंपनियों ने सरकार से मांगे 4520 करोड़ रुपये

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (DHBVN) ने 2025-26 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता के रूप में 4520 करोड़ रुपये की मांग की है. सरकार से इस राशि को स्वीकृत करने के लिए अनुरोध किया गया है ताकि बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रखी जा सके.

एचईआरसी चेयरमैन ने बिजली आपूर्ति लागत कम करने पर दिया जोर

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) के चेयरमैन नंदलाल शर्मा ने बैठक के दौरान औसत आपूर्ति लागत और औसत राजस्व वसूली के बीच के अंतर को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों को अपने खर्च को नियंत्रित करना होगा. जिससे घाटे को कम किया जा सके और जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके.

बिजली कंपनियों को विशेषज्ञ सलाहकार नियुक्त करने के निर्देश

नंदलाल शर्मा ने बिजली कंपनियों को विशेषज्ञ सलाहकार नियुक्त करने के निर्देश दिए. ताकि विद्युत क्षेत्र की कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाया जा सके. उन्होंने कहा कि अगर बिजली कंपनियां अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करेंगी, तो घाटे को कम किया जा सकता है और सरकार पर वित्तीय बोझ भी घटेगा.

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