Excise Policy 2025: मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी है, जो 1 अप्रैल से लागू होगी. इस नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो शराब बिक्री और दुकानों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं.
शराब दुकानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू
17 फरवरी से प्रदेश में शराब दुकानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस प्रक्रिया में पहले मौजूदा दुकान संचालकों को प्राथमिकता दी गई है. यदि कोई दुकानदार अपने लाइसेंस को 20 फीसदी बढ़ी हुई कीमत पर रिन्यू करवाना चाहता है, तो उसे यह अवसर दिया जाएगा. यदि कोई दुकान नीलाम नहीं होती है, तो उसके लिए लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आबकारी अधिकारियों की बैठक
नीलामी प्रक्रिया शुरू होने से पहले प्रदेशभर के आबकारी अधिकारियों की एक बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई. इस बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से संचालित किया जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्तर पर नियमों का उल्लंघन न हो.
पीओएस मशीन से होगी शराब बिक्री
नई नीति में शराब बिक्री को पूरी तरह डिजिटल करने की योजना बनाई गई है. प्रदेश की सभी दुकानों पर पीओएस (Point of Sale) मशीनें लगाई जाएंगी. जिससे बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जा सके. यह निर्णय टैक्स चोरी रोकने और दुकानों में हो रही अनियमितताओं को खत्म करने के लिए लिया गया है.
बारकोड स्कैनिंग के बाद ही होगी बिक्री
शराब की हर बोतल को अब बारकोड स्कैनिंग के बाद ही बेचा जा सकेगा. इसके अलावा दुकानदारों को हर बिक्री पर बिल देना अनिवार्य होगा. अगर कोई दुकान इस नियम का उल्लंघन करती है, तो उसे पहले तीन बार 25 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. बार-बार नियम तोड़ने पर दुकान का लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है.
ग्वालियर जिले में 111 शराब दुकानें
ग्वालियर जिले में कुल 111 शराब दुकानें हैं, जिनकी नीलामी के लिए 570 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइम रखा गया है. पिछले साल इन दुकानों से 475 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. इस बार नीलामी प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई रणनीति अपनाई जा रही है.
17 से 21 फरवरी तक रिन्युअल की प्रक्रिया
प्रदेश में शराब दुकानों के लाइसेंस 17 से 21 फरवरी तक रिन्युअल किए जाएंगे. यदि कोई दुकान नीलामी प्रक्रिया में शामिल नहीं होती है, तो उसे टेंडर प्रक्रिया के जरिए निष्पादित किया जाएगा. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी दुकान बिना लाइसेंस के संचालित न हो.
आबकारी नीति में बदलाव का असर
इस नई आबकारी नीति से सरकार को उम्मीद है कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी और शराब बिक्री पर नियंत्रण आसान हो जाएगा. टैक्स चोरी को रोकने के लिए पीओएस मशीनों का उपयोग और बारकोड स्कैनिंग अनिवार्य करने जैसे उपायों से अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जा सकेगी.