Grace Financial Aid: रक्षा सेवाओं और अर्धसैनिक बलों में सेवा देने वाले विकलांग सैनिकों के कल्याण के लिए पंजाब सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार ने युद्ध या ऑपरेशन के दौरान विकलांग हुए सैनिकों की वित्तीय सहायता दोगुनी कर दी है. यह निर्णय उन सैनिकों के सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम पहल है.
विकलांग सैनिकों के लिए बढ़ाई गई आर्थिक सहायता
पंजाब सरकार के रक्षा सेवा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने बताया कि संशोधित नीति के तहत अनुग्रह वित्तीय सहायता को दोगुना कर दिया गया है. इससे प्रभावित सैनिकों को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.
नए प्रावधानों के तहत मिलने वाली राशि
सरकार द्वारा संशोधित नीति के अनुसार विकलांगता के प्रतिशत के आधार पर वित्तीय सहायता को निम्नलिखित रूप से बढ़ाया गया है:
- 76% से 100% विकलांगता वाले सैनिकों को अब 40 लाख रुपये मिलेंगे, जो पहले 20 लाख रुपये थे.
- 51% से 75% विकलांगता वाले सैनिकों को अब 20 लाख रुपये दिए जाएंगे, जो पहले 10 लाख रुपये थे.
- 25% से 50% विकलांगता वाले सैनिकों को अब 10 लाख रुपये मिलेंगे, जो पहले केवल 5 लाख रुपये थे.
सैनिकों और उनके परिवारों के लिए राहत
यह वित्तीय सहायता उन सैनिकों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो अपने कर्तव्य पालन के दौरान घायल हुए हैं और जीवनभर के लिए विकलांगता झेल रहे हैं. यह कदम उनकी आर्थिक निर्भरता को कम करेगा और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए सशक्त बनाएगा.
सरकार की प्रतिबद्धता
मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि पंजाब सरकार रक्षा सेवाओं और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सरकार का यह कदम उन बहादुर सैनिकों के बलिदान को पहचान देने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए उठाया गया है.
अन्य कल्याणकारी योजनाएं भी होंगी लागू
राज्य सरकार सिर्फ वित्तीय सहायता ही नहीं, बल्कि विकलांग सैनिकों के पुनर्वास, स्वास्थ्य सुविधाओं और रोजगार के अवसरों पर भी ध्यान दे रही है. सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी सैनिक या उसका परिवार आर्थिक तंगी से न जूझे.
अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक कदम
पंजाब सरकार की यह नीति अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकती है. यदि अन्य राज्य भी इसी तरह अपने सेना और अर्धसैनिक बलों के विकलांग जवानों के लिए वित्तीय सहायता योजनाओं में सुधार करें, तो इससे पूरे देश में सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा.