शराबबंदी वाले इस राज्य में बीयर बेचने की मिलेगी परमिशन, सरकार कर रही है ये खास काम Liquor Sell Permission

Liquor Sell Permission: मिजोरम सरकार राज्य में बीयर और पारंपरिक शराब की बिक्री को मंजूरी देने की तैयारी कर रही है. इस संदर्भ में आज बुधवार को विधानसभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा. इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य में चावल और फलों से बनी स्थानीय शराब और बीयर की बिक्री को कानूनी मान्यता मिल जाएगी. हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार राज्य में शराबबंदी कानून को समाप्त करने का इरादा नहीं रखती है.

जोरम पीपल्स मूवमेंट सरकार लाएगी संशोधन बिल

राज्य में वर्तमान में जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) की सरकार है और मुख्यमंत्री लालदुहोमा के नेतृत्व में उनकी सरकार मिजोरम शराब (प्रतिबंध) अधिनियम, 2019 में संशोधन के लिए यह विधेयक ला रही है. सरकार का उद्देश्य राज्य में पारंपरिक रूप से बनाई जाने वाली शराब और बीयर के निर्माण, वितरण और बिक्री को कानूनी रूप से नियंत्रित करना है.

केवल लाइसेंस धारकों को मिलेगी बिक्री की अनुमति

राज्य के आबकारी एवं नारकोटिक्स विभाग के मंत्री लालनगिहलोवा हमार इस विधेयक को विधानसभा में पेश करेंगे. इस विधेयक के अनुसार राज्य के भीतर उत्पादित चावल और फलों से बनी शराब और बीयर की बिक्री, वितरण और निर्माण केवल लाइसेंस धारकों को करने की अनुमति होगी. इसके अलावा यह बिल मिजोरम में पारंपरिक मिजो शराब की बिक्री की भी अनुमति देगा. जिसे स्थानीय रूप से ‘देशी शराब’ के रूप में जाना जाता है.

शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं देगी सरकार

मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने विधानसभा में 2025-26 के बजट पेश करने के बाद प्रेस को बताया कि सरकार राज्य में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं देगी. हालांकि स्थानीय रूप से तैयार की गई शराब और बीयर की बिक्री को सरकार नियंत्रित करेगी. उन्होंने यह भी बताया कि इस फैसले को लेने से पहले चर्चों से परामर्श किया गया था और उन्होंने इस निर्णय का समर्थन किया है.

सरकार ने पहले ही समीक्षा की बात कही थी

मार्च 2024 में सरकार ने विधानसभा में बताया था कि वह राज्य में लागू शराब प्रतिबंध कानून की समीक्षा कर रही है. यह कानून राज्य में शराब की बिक्री और खपत को प्रतिबंधित करता है. हालांकि कई वर्गों से शराबबंदी को हटाने और शराब की दुकानों को फिर से खोलने की मांग की जा रही थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस प्रकार की अपीलों पर विचार नहीं करेगी.

शराबबंदी का लंबा इतिहास

मिजोरम में शराबबंदी का इतिहास काफी पुराना रहा है. 1984 में मिजोरम निषेध अधिनियम 1973 के तहत शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी. लेकिन 1987 में इन्हें फिर से बंद कर दिया गया. इसके बाद 1995 में राज्य में मिजोरम पूर्ण शराब प्रतिबंध अधिनियम लागू किया गया. जिसने 20 फरवरी 1997 से राज्य में पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध लगा दिया.

शराब नीति में बदलाव का सफर

हालांकि जनवरी 2015 में एक नया कानून अधिसूचित किया गया. जिसने राज्य में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी थी. लेकिन मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुसार सत्ता में आने के बाद इस नीति में बदलाव किया और पुनः शराब प्रतिबंध लागू करने के कदम उठाए. इसके बाद 2019 में मिजोरम शराब (प्रतिबंध) अधिनियम लागू किया गया. जिसने राज्य में शराब की बिक्री को फिर से गैरकानूनी बना दिया.

चर्चों और स्थानीय समुदाय की सहमति महत्वपूर्ण

मिजोरम में ईसाई समुदाय की महत्वपूर्ण संख्या होने के कारण चर्चों की राय नीति निर्माण में काफी मायने रखती है. सरकार ने चर्चों से इस विषय पर परामर्श किया और उनकी सहमति प्राप्त करने के बाद ही यह संशोधन विधेयक लाने का निर्णय लिया. चर्चों की सहमति यह दिखाती है कि वे पारंपरिक और स्थानीय रूप से तैयार की गई शराब को कानूनी रूप से नियंत्रित किए जाने के पक्ष में हैं.

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