इन शहरों में ऑनलाइन चालान की चल रही तैयारी, वाहन लेकर निकलने वाले सावधान E Challans

E Challans: मोहाली शहर में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन ने ई-चालान की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अब ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखी जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने पर सीधे उनके वाहन नंबर के आधार पर चालान काटा जाएगा. वीरवार को ही 17 प्रमुख स्थानों पर दो घंटे के भीतर 1160 वाहनों के चालान किए गए. इनमें सबसे ज्यादा मामले रेड लाइट जंप और बिना हेलमेट के वाहन चलाने के पाए गए.

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आई.टी.एम.एस.) का सफल ट्रायल

ई-चालान शुरू करने से पहले प्रशासन ने एक हफ्ते तक आईटीएमएस (इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) का ट्रायल किया. इस दौरान पता चला कि मोहाली की सड़कों पर एक सप्ताह में करीब 34 लाख गाड़ियां गुजरीं. जिनमें से दो लाख वाहनों ने ट्रैफिक नियमों की अवहेलना की. यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोग ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे थे. अब ई-चालान प्रणाली लागू होने के बाद यह देखना होगा कि लोग चालान के डर से नियमों का पालन करने लगते हैं या नहीं.

शहर के 17 प्वाइंट्स पर लगाए गए हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे

पहले चरण में मोहाली शहर के 17 महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें प्रमुख चौक और क्रॉसिंग शामिल हैं. जहां ट्रैफिक नियमों का सबसे ज्यादा उल्लंघन देखा जाता है. कुछ प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:

  • चावला चौक क्रॉसिंग
  • फेज-3 और फेज-5 क्रॉसिंग
  • मैक्स हॉस्पिटल के पास
  • एयरपोर्ट चौक
  • टीडीआई गेट, जीरकपुर रोड

इन कैमरों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. जिससे ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के वाहन की फोटो तुरंत क्लिक होकर सिस्टम में रिकॉर्ड हो जाती है और संबंधित वाहन मालिक के नाम पर ई-चालान जारी कर दिया जाता है.

खरड़, जीरकपुर और डेराबस्सी में भी जल्द लागू होगी योजना

मोहाली के बाद प्रशासन अब इस हाई-टेक ट्रैफिक निगरानी प्रणाली को खरड़, जीरकपुर और डेराबस्सी में भी लागू करने की योजना बना रहा है. इन इलाकों में भी यातायात के बढ़ते दबाव और नियमों की अनदेखी को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. जिससे ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी.

ई-चालान शुरू होने के बाद दिखने लगे बदलाव

डीएसपी ट्रैफिक करनैल सिंह के अनुसार ई-चालान शुरू होने के बाद से लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगे हैं. अब वाहन चालक लाइट प्वाइंट्स पर ज्यादा सतर्क नजर आ रहे हैं और नियमों का उल्लंघन करने से बच रहे हैं. उन्होंने जनता से अपील की है कि वे ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करें. ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके और शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके.

ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की सबसे बड़ी वजहें

प्रशासन द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकतर लोग निम्नलिखित कारणों से चालान का शिकार हो रहे हैं:

  • रेड लाइट जंप करना – सबसे ज्यादा चालान रेड लाइट क्रॉस करने वालों के हुए हैं.
  • बिना हेलमेट बाइक चलाना – दोपहिया वाहन चालकों में हेलमेट न पहनने की आदत देखी गई.
  • ओवर स्पीडिंग – कई वाहन चालक निर्धारित गति सीमा का पालन नहीं कर रहे थे.
  • गलत दिशा में वाहन चलाना – कई वाहन चालक रॉन्ग वे में गाड़ी चलाते हुए पकड़े गए.

कैसे काम करता है ई-चालान सिस्टम?

ई-चालान सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटेड है. जब कोई वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो सीसीटीवी कैमरा उसकी फोटो और वीडियो रिकॉर्ड कर लेता है. इसके बाद यह जानकारी सिस्टम में सेव होती है और वाहन के पंजीकृत नंबर के आधार पर चालान जनरेट हो जाता है. वाहन मालिक को चालान की जानकारी उसके मोबाइल नंबर और पंजीकृत पते पर भेजी जाती है. चालान की राशि ऑनलाइन जमा करनी होती है. जिससे जुर्माने की प्रक्रिया भी पारदर्शी हो जाती है.

आम जनता को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

चूंकि अब मोहाली में ई-चालान की प्रक्रिया पूरी तरह से लागू हो चुकी है. इसलिए वाहन चालकों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • रेड लाइट पर गाड़ी रोकें और नियमों का पालन करें.
  • बाइक या स्कूटी चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें.
  • गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट जरूर लगाएं.
  • गलत दिशा में गाड़ी न चलाएं और तय स्पीड लिमिट में वाहन चलाएं.
  • ट्रैफिक सिग्नल का पालन करें और किसी भी तरह की लापरवाही से बचें.

नियमों के पालन से सुरक्षित होगा शहर का ट्रैफिक

मोहाली प्रशासन का यह कदम न सिर्फ शहर के ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए है. बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण है. यदि सभी वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का सही से पालन करें, तो सड़क हादसों को कम किया जा सकता है. ई-चालान प्रणाली का उद्देश्य भी यही है कि लोगों में नियमों का डर पैदा किया जाए और उन्हें यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाया जाए.

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