Liquor Shops Rule: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। रविवार को उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि एक्सप्रेस-वे और हाईवे के किनारे शराब की दुकानें नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने शराब की दुकानों के साइनबोर्ड को छोटा करने के भी निर्देश दिए हैं। ताकि सड़कों पर सफर करने वाले लोगों पर इसका असर न पड़े। होली के त्योहार से पहले मुख्यमंत्री के यह आदेश सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
बिना परमिट की बसों और ओवरलोडेड ट्रकों पर कार्रवाई के आदेश
सीएम योगी ने बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ने वाली बसों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध डग्गामार वाहन और ओवरलोडेड ट्रक सड़क हादसों की बड़ी वजह बनते हैं। इसलिए इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए। राज्य सरकार सड़क हादसों में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इस दिशा में परिवहन विभाग, पुलिस और अन्य एजेंसियों को सख्ती से नियम लागू करने के आदेश दिए गए हैं।
एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर बनाए जाएंगे अस्पताल
सड़क हादसों के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम योगी ने एक और अहम निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पतालों की व्यवस्था की जाए। जिस तरह फूड प्लाजा बनाए जाते हैं, । उसी तरह अब एक्सप्रेस-वे पर मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था होगी। इस फैसले से सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को समय पर इलाज मिल सकेगा और उनकी जान बचाने में मदद मिलेगी।
सड़क सुरक्षा को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सड़क हादसों को रोकने के लिए कई अहम फैसले लिए। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, परिवहन विभाग के मंत्री, शासन स्तर के अधिकारी, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, ताकि सड़क हादसों की संख्या को कम किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों के डरावने आंकड़े
सीएम योगी ने सड़क हादसों के आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि साल 2024 में उत्तर प्रदेश में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। इन हादसों में 34,600 लोग घायल हुए और 24,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। मुख्यमंत्री ने इस आंकड़े को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि राज्य सरकार सड़क हादसों को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें किया जाएगा सुधार
राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी मार्गों पर “ब्लैक स्पॉट” की पहचान की जाए और उन्हें ठीक किया जाए। ब्लैक स्पॉट वे स्थान होते हैं जहां बार-बार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। अगर इन स्थानों पर सही तरीके से सुधार किया जाए, तो सड़क हादसों में काफी कमी आ सकती है।
सड़क हादसों में घायल लोगों को मिलेगी बेहतर चिकित्सा सुविधा
सीएम योगी ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के इलाज को लेकर चिंता जताई और कहा कि सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस और प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ की तैनाती होनी चाहिए। इससे गंभीर रूप से घायल लोगों को तत्काल इलाज मिल सकेगा और उनकी जान बचाने में मदद मिलेगी।
इन 20 जिलों में हुई सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 20 जिले ऐसे हैं जहां सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। ये जिले हैं:
- हरदोई
- मथुरा
- आगरा
- लखनऊ
- बुलंदशहर
- कानपुर नगर
- प्रयागराज
- सीतापुर
- उन्नाव
- बाराबंकी
- लखीमपुर-खीरी
- बरेली
- अलीगढ़
- गौतमबुद्ध नगर
- शाहजहांपुर
- गोरखपुर
- कुशीनगर
- बदायूं
- मेरठ
- बिजनौर
सीएम योगी ने कहा कि इन 20 जिलों में सड़क हादसों में हुई कुल मौतों का 42% हिस्सा दर्ज किया गया। उन्होंने संबंधित विभागों को दुर्घटनाओं के कारणों की जांच करने और सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए।
सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार की आगामी योजना
सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई नई योजनाएं बनाई हैं:
- ट्रांसपोर्ट हब और रेस्ट एरिया – हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर ट्रांसपोर्ट हब और रेस्ट एरिया विकसित किए जाएंगे, जिससे यात्री सुरक्षित सफर कर सकें।
- सड़क सुरक्षा अभियान – आम लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
- सीसीटीवी निगरानी – हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखी जा सके।
- सख्त ट्रैफिक नियम – ओवरस्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने और हेलमेट व सीट बेल्ट न पहनने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।