होली पर इन कर्मचारियों को मिलेगा बड़ी सौगात, सरकार जल्द कर सकती है बड़ा ऐलान Salary Increase

Salary Increase: हरियाणा में कर्मचारी और मजदूर संगठनों ने प्रदेश सरकार पर न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का दबाव बढ़ा दिया है. भारतीय मजदूर संघ के बाद अब राज्य सरकारी कर्मचारी संघ ने भी महंगाई को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन में वृद्धि की मांग की है. संगठनों का कहना है कि मौजूदा वेतन से मजदूरों और कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के दौर में जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है.

5 मार्च को होगी न्यूनतम वेतन वृद्धि बोर्ड की बैठक

सरकार ने कर्मचारियों और मजदूर संगठनों की मांग को देखते हुए 5 मार्च को न्यूनतम वेतन वृद्धि बोर्ड की बैठक बुलाने का निर्णय लिया है. हरियाणा में साल में दो बार न्यूनतम वेतन संशोधित किया जाता है. जिसमें जनवरी और जुलाई माह में संशोधन की प्रक्रिया होती है. इस बार न्यूनतम वेतन बढ़ाने को लेकर सरकार पर जबरदस्त दबाव है. इसलिए यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है.

कैसे तय किया जाता है न्यूनतम वेतन?

हरियाणा में न्यूनतम वेतन का निर्धारण कामगार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर किया जाता है. यदि सूचकांक में वृद्धि होती है, तो वेतन में भी संशोधन किया जाता है. वहीं अगर मूल्य सूचकांक में गिरावट आती है, तो सरकार के पास वेतन को यथावत बनाए रखने का विकल्प होता है. प्रदेश सरकार का कहना है कि वह आर्थिक परिस्थितियों और महंगाई को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन तय करती है, ताकि कर्मचारियों को उचित वेतन मिल सके.

वर्तमान में मिल रहे वेतन की स्थिति

हरियाणा में फिलहाल कर्मचारियों और मजदूरों को निम्नलिखित दरों पर न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है:

  • अकुशल श्रमिक: ₹11,001 प्रति माह
  • अर्धकुशल श्रमिक: ₹11,551 – ₹12,129 प्रति माह
  • कुशल श्रमिक: ₹12,736 – ₹13,372 प्रति माह
  • उच्च कुशल श्रमिक: ₹14,041 प्रति माह

मजदूर संगठनों का कहना है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह वेतन पर्याप्त नहीं है और इसमें जल्द से जल्द वृद्धि की जानी चाहिए.

महंगाई के कारण बढ़ी कर्मचारियों की परेशानी

प्रदेश के कर्मचारियों का कहना है कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, घर का किराया, बिजली-पानी के बिल और अन्य जरूरतों का खर्च लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में मौजूदा न्यूनतम वेतन से घर का खर्च चलाना मुश्किल होता जा रहा है. मजदूर संगठनों का कहना है कि सरकार को तुरंत वेतन में वृद्धि करनी चाहिए ताकि आम कर्मचारी आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सके.

मजदूर संघों की सरकार से मांग

भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की और न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग रखी. उनका कहना है कि यदि सरकार मजदूरों और कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा करती है, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.

वेतन बढ़ोतरी को लेकर सरकार का रुख

हरियाणा सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह न्यूनतम वेतन में वृद्धि पर विचार कर रही है. सरकार का कहना है कि वह जल्द ही सभी पक्षों से बातचीत कर फैसला लेगी. हालांकि सरकार पर उद्योगपतियों और व्यापार संगठनों का भी दबाव है, जो नहीं चाहते कि वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की जाए. क्योंकि इससे उनके खर्चे बढ़ सकते हैं.

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