Sunday Book Market: दिल्ली का दरियागंज बुक मार्केट भारत के सबसे बड़े और प्रसिद्ध किताब बाजारों में से एक है. यह बाजार उन लोगों के लिए स्वर्ग के समान है जो सस्ती और पुरानी किताबें खरीदना पसंद करते हैं. हर रविवार इस बाजार में हजारों लोग अपनी पसंदीदा किताबें खरीदने के लिए आते हैं.
दरियागंज बुक मार्केट की खासियत
दरियागंज किताब बाजार अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण देशभर में प्रसिद्ध है. यहां आपको नई और पुरानी दोनों तरह की किताबें बेहद कम कीमत में मिल जाती हैं. साहित्य, इतिहास, विज्ञान, प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें, उपन्यास और दुर्लभ पांडुलिपियां यहां आसानी से मिल सकती हैं.
दरियागंज का ऐतिहासिक महत्व
क्या आप जानते हैं कि दरियागंज का नाम कैसे पड़ा? इस इलाके का इतिहास मुगलकाल से जुड़ा हुआ है. यहां मुगलकालीन वास्तुकला और संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है.
दरियागंज नाम का अर्थ
दरियागंज नाम दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘दरिया’ यानी नदी और ‘गंज’ यानी बाजार. इसका अर्थ हुआ नदी के किनारे बसा बाजार. यह इलाका यमुना नदी के किनारे बसाया गया था, इसलिए इसे दरियागंज कहा जाता है.
मुगलकाल में दरियागंज की स्थापना
मुगल बादशाह शाहजहां के शासनकाल में दरियागंज इलाके को बसाया गया था. यह इलाका उस समय व्यापार और प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र था. मुगल काल में यह एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक क्षेत्र था और आज भी इसका ऐतिहासिक महत्व बना हुआ है.
दरियागंज बुक मार्केट में क्या मिलता है?
- सस्ती और दुर्लभ किताबें – यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों से लेकर साहित्य, विज्ञान, गणित और कला की दुर्लभ किताबें कम कीमत पर मिल जाती हैं.
- पुरानी और सेकंड हैंड किताबें – दरियागंज मार्केट में कई स्टॉल ऐसे हैं जो पुरानी और सेकंड हैंड किताबें बेचते हैं, जिन्हें बेहद कम दामों पर खरीदा जा सकता है.
- कलेक्टर्स एडिशन और प्राचीन ग्रंथ – कुछ दुकानों में आपको ऐतिहासिक दस्तावेज और कलेक्टर्स एडिशन किताबें भी मिल सकती हैं.
बुक लवर्स और स्टूडेंट्स के लिए बेहतरीन जगह
यह बाजार उन छात्रों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग और अन्य परीक्षाओं की किताबें यहां बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं. साथ ही साहित्य प्रेमियों के लिए भी यह बाजार एक आदर्श स्थान है.
दरियागंज बुक मार्केट कब और कैसे जाएं?
- यह बाजार हर रविवार सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है.
- यहां तक पहुंचने के लिए दिल्ली मेट्रो का विवेकानंद मार्ग और चांदनी चौक स्टेशन सबसे नजदीक है.
- ऑटो, बस या कैब से भी आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है.