बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना क्यों है जरूरी, जाने इसके क्या है फायदे BIRTH CERTIFICATE

BIRTH CERTIFICATE: जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो पहचान और नागरिकता के प्रमाण के रूप में कार्य करता है. इसे स्कूल-कॉलेज में एडमिशन से लेकर सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ लेने तक कई जगहों पर आवश्यक माना जाता है. कई बार लापरवाही के कारण जन्म प्रमाण पत्र समय पर नहीं बन पाता. जिससे लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

अस्पताल में जन्म होने पर कैसे मिलता है जन्म प्रमाण पत्र?

अगर बच्चे का जन्म किसी सरकारी या पंजीकृत निजी अस्पताल में हुआ है, तो जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल द्वारा ही जारी कर दिया जाता है. अब नई व्यवस्था के तहत अस्पतालों को नगर निगम के पोर्टल से जोड़ा गया है. जिससे अस्पताल स्वयं ही जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध करवा सकते हैं.

घर पर जन्म होने की स्थिति में क्या करें?

यदि बच्चे का जन्म घर पर हुआ है और जन्म प्रमाण पत्र के लिए पहले आवेदन नहीं किया गया है, तो माता-पिता को खुद आवेदन करना होगा. इसके लिए क्षेत्रीय सभासद की ओर से प्रमाणिकता पत्र लेना जरूरी होगा.

जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का सही समय

सरकार के नियमों के अनुसार बच्चे के जन्म के 21 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन कराने पर जन्म प्रमाण पत्र आसानी से मिल सकता है. यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी पूरी की जा सकती है.

देर से आवेदन करने पर क्या करना होगा?

अगर किसी कारणवश जन्म प्रमाण पत्र 21 दिन के अंदर नहीं बन पाया, तो इसे बनाने के लिए विलंब शुल्क देना होगा:

  • 21 दिन के बाद आवेदन करने पर – ₹12 का विलंब शुल्क
  • एक साल के अंदर आवेदन करने पर – ₹60 का विलंब शुल्क
  • एक साल से ज्यादा देर होने पर – ₹60 का विलंब शुल्क और एसडीएम से प्रमाण पत्र लेना जरूरी

जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का ऑनलाइन प्रोसेस

  • सीआरएस पोर्टल (CRS Portal) पर जाएं और “जनरल पब्लिक साइन अप” पर क्लिक करें.
  • आवश्यक जानकारी भरें और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें.
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
  • आवेदन जमा करने के बाद नगर निगम कार्यालय में जाकर सत्यापन कराएं.
  • सत्यापन प्रक्रिया पूरी होते ही जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है.

5 या 7 साल के बाद भी बन सकता है जन्म प्रमाण पत्र

अगर बच्चे की उम्र 5 या 7 साल हो चुकी है और अब तक जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है, तो भी इसे बनवाया जा सकता है. 1970 के बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति का जन्म प्रमाण पत्र कुछ आवश्यक दस्तावेजों के आधार पर बनाया जा सकता है.

5 साल बाद जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज

  • माता-पिता का आधार कार्ड
  • बच्चे के जन्म की तारीख से संबंधित कोई प्रमाण (अस्पताल के कागजात, स्कूल का प्रमाण पत्र, आदि)
  • एफिडेविट (जो किसी रजिस्टर्ड वकील या नोटरी से बनवाया जा सकता है)
  • नगर निगम में आवेदन पत्र जमा करना

जन्म प्रमाण पत्र के लिए सत्यापन प्रक्रिया

यदि बच्चा 5-7 साल का हो चुका है, तो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक विशेष सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जाती है:

  • आवेदन एसडीएम या एडीएम कार्यालय को भेजा जाता है.
  • सत्यापन के बाद फाइल मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के पास जाती है.
  • स्थानीय वेरिफिकेशन के बाद नगर निगम 45 दिनों के अंदर जन्म प्रमाण पत्र जारी कर देता है.

जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए निर्धारित शुल्क

  • एक महीने के अंदर आवेदन करने पर – निशुल्क
  • एक महीने के बाद आवेदन करने पर – नाममात्र का निर्धारित शुल्क
  • एक साल के बाद आवेदन करने पर – अतिरिक्त शुल्क और सत्यापन जरूरी

बिना नाम के जन्म प्रमाण पत्र को कैसे अपडेट करें?

अक्सर अस्पतालों से बिना नाम के जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है. ऐसे में बाद में बच्चे का नाम अपडेट करने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है:

  • नगर निगम कार्यालय में एक आवेदन जमा करें.
  • माता-पिता का आधार कार्ड संलग्न करें.
  • ₹15 का शुल्क जमा करें.
  • आवेदन के कुछ दिनों बाद नया जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है.

जन्म प्रमाण पत्र न होने से क्या परेशानी हो सकती है?

यदि जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, तो कई महत्वपूर्ण कार्यों में दिक्कतें आ सकती हैं:

  • नौकरी में आवेदन करने में कठिनाई
  • स्कूल या कॉलेज में एडमिशन में समस्या
  • पासपोर्ट या आधार कार्ड बनवाने में परेशानी
  • सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में दिक्कत

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