Raw Wine: भारत में बनने वाली देसी शराब को आमतौर पर कच्ची शराब कहा जाता है. इसे पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है और यह देश के कई हिस्सों में अवैध रूप से बनाई और बेची जाती है. कच्ची शराब का सेवन आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में अधिक किया जाता है. जहां महंगी ब्रांडेड शराब खरीदना संभव नहीं होता.
कच्ची शराब बनाने की प्रक्रिया
कच्ची शराब बनाने की कोई निर्धारित वैज्ञानिक प्रक्रिया नहीं होती है. जिससे इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा का सही आकलन करना मुश्किल हो जाता है. इसे मुख्य रूप से गन्ने का रस, खजूर, मकई, जौ, महुआ के फूल, आलू, सड़े हुए अंगूर और संतरे जैसी चीजों से तैयार किया जाता है.
फर्मेंटेशन से बनती है शराब
शराब बनाने की फर्मेंटेशन (Fermentation) प्रक्रिया में यीस्ट (खमीर) मिलाया जाता है, जिससे कच्ची शराब का निर्माण होता है. यह प्रक्रिया पारंपरिक रूप से कई दिनों तक चलती है, लेकिन इसे तेज करने के लिए कई बार रासायनिक पदार्थ मिलाए जाते हैं. जिससे यह शराब जहरीली हो सकती है.
कच्ची शराब क्यों हो जाती है जहरीली?
कच्ची शराब जहरीली तब बनती है जब इसमें खतरनाक रसायन मिला दिए जाते हैं. इसे अधिक नशीला बनाने के लिए कई बार ऑक्सीटॉसिन, यूरिया और मेथनॉल जैसे खतरनाक पदार्थों का उपयोग किया जाता है. ये रसायन यदि अनियंत्रित मात्रा में मिलाए जाएं तो यह मिथाइल अल्कोहल (Methanol) में बदल जाता है, जो इंसानों के लिए बेहद जहरीला होता है.
मिथाइल अल्कोहल कैसे करता है शरीर को नुकसान?
मिथाइल अल्कोहल का सेवन करने पर यह सीधे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर हमला करता है. इसके कारण:
- आंखों की रोशनी जा सकती है
- शरीर की मूवमेंट बंद हो सकती है
- लीवर और किडनी फेल हो सकते हैं
- मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है
- बेहोशी और मौत तक हो सकती है
भारत में कच्ची शराब से होने वाली घटनाएं
भारत में कच्ची शराब पीने से हर साल सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. अवैध शराब का धंधा करने वाले लोग तेजी से शराब तैयार करने और ज्यादा नशीली बनाने के चक्कर में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल करते हैं. इसके कारण अक्सर शराब पीने वालों की जान पर बन आती है.
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
सरकार ने अवैध शराब को रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं.
- अवैध शराब की बिक्री पर कड़ी सजा
- शराब बनाने और बेचने वालों पर जुर्माना और जेल
- पुलिस और प्रशासन द्वारा छापेमारी अभियान
- शराब के लाइसेंसधारी विक्रेताओं की निगरानी
लोगों को कैसे बचाया जा सकता है?
- सरकार को कच्ची शराब के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए
- अवैध शराब से बचें और ब्रांडेड शराब का ही सेवन करें
- शराब खरीदते समय गुणवत्ता और लाइसेंस की जांच करें
- अगर कहीं अवैध शराब बनती दिखे तो प्रशासन को सूचना दें