Railway Track: अगर आपने कभी ट्रेन से सफर किया है, तो आपने रेलवे ट्रैक भी जरूर देखे होंगे. यह सभी जानते हैं कि रेलवे ट्रैक लोहे से बने होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन पटरियों पर जंग क्यों नहीं लगती? आमतौर पर लोहा वातावरण में ऑक्सीजन और नमी के संपर्क में आते ही जंग पकड़ लेता है. लेकिन रेल की पटरियों के साथ ऐसा नहीं होता. इसके पीछे एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कारण है.
रेलवे ट्रैक किस धातु से बनाए जाते हैं?
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि रेलवे ट्रैक पूरी तरह से लोहे के बने होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. असल में रेलवे ट्रैक एक विशेष प्रकार की स्टील से बनाए जाते हैं. जिसे मैंगनीज स्टील (Manganese Steel) कहा जाता है.
मैंगनीज स्टील में क्या खासियत होती है?
मैंगनीज स्टील एक मजबूत और टिकाऊ मिश्रधातु है. जिसमें कई खास गुण होते हैं:
- इसमें 12% मैंगनीज और 0.8% कार्बन होता है.
- यह स्टील नमी और ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर जल्दी ऑक्सीकरण (oxidation) नहीं करता.
- मैंगनीज स्टील अत्यधिक दबाव और घर्षण सहन कर सकता है. जिससे यह ट्रेनों के भार को आसानी से झेल सकता है.
जंग न लगने का मुख्य कारण
जंग लगने की प्रक्रिया को ऑक्सीकरण (oxidation) कहा जाता है. जिसमें लोहे का संपर्क नमी और ऑक्सीजन से होता है. जिससे आयरन ऑक्साइड (Iron Oxide) यानी जंग बनता है. लेकिन मैंगनीज स्टील की संरचना और गुणों के कारण यह ऑक्सीकरण प्रक्रिया बहुत धीमी होती है. जिससे पटरियों पर लंबे समय तक जंग नहीं लगता.
ट्रेन की गति भी एक कारण
रेलवे ट्रैक पर लगातार ट्रेनों का आना-जाना बना रहता है. यह निरंतर घर्षण और कंपन की वजह से ट्रैक की ऊपरी सतह पर नमी और धूल टिक नहीं पाती. नमी न होने के कारण जंग लगने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है.
मैंगनीज स्टील के अन्य उपयोग
मैंगनीज स्टील केवल रेलवे ट्रैक तक सीमित नहीं है. बल्कि यह कई अन्य भारी उद्योगों में भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे:
- खनन उद्योग – बड़े-बड़े उपकरणों में उपयोग किया जाता है.
- बुलेटप्रूफ जैकेट – इसकी मजबूत संरचना इसे बुलेटप्रूफ बनाने में मदद करती है.
- बड़े मशीनों के पुर्जे – जहां ज्यादा दबाव सहन करने की जरूरत होती है.
रेल ट्रैक के रखरखाव में सावधानी
भले ही रेलवे ट्रैक जंगरोधी हों, लेकिन उनका नियमित रखरखाव जरूरी होता है. इसके लिए:
- ट्रैक की समय-समय पर सफाई की जाती है.
- ट्रैक की सतह पर स्पेशल कोटिंग की जाती है जिससे जंग लगने की संभावना और कम हो जाती है.
- पटरियों को पेट्रोलियम बेस्ड लुब्रिकेंट्स से चिकना किया जाता है जिससे घर्षण कम हो और ट्रैक अधिक समय तक सुरक्षित रहे.